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सुप्रीम कोर्ट का DMK मंत्री बालाजी की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार

उच्चतम न्यायालय ने द्रमुक सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को ताजा चिकित्सा रिपोर्ट को देखने के बाद उनकी जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद सेंथिल की ओर से याचिका वापस ले ली गई. DMK government minister Senthil Balaji, Supreme Court, Money Laundering Case

DMK government minister Senthil Balaji
प्रतिकात्मक तस्वीर
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By PTI

Published : Nov 28, 2023, 12:20 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डीएमके मंत्री वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. बालाजी ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत के लिए याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत मद्रास उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी. मद्रास उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिसमें कहा गया था कि अगर उन्हें जमानत दी गई तो उनके गवाहों को प्रभावित करने की संभावना है.

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की शीर्ष अदालत की पीठ ने स्वास्थ्य रिपोर्टों पर गौर करने के बाद कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति में कुछ भी गंभीर नहीं है. बालाजी को नियमित जमानत लेने के लिए ट्रायल कोर्ट से संपर्क करने की छूट दी. पीठ ने कहा कि गुण-दोष के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ अंतरिम आदेश में की गई कोई भी टिप्पणी याचिकाकर्ता के नियमित जमानत आवेदन दाखिल करने के रास्ते में नहीं आएगी.

मंगलवार को जैसे ही पीठ ने मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त की, याचिका वापस ले ली गई और मामले को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया. शीर्ष अदालत ने पहले बालाजी को अपनी मेडिकल रिपोर्ट रिकॉर्ड में पेश करने का निर्देश दिया था.

जमानत याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि बालाजी की स्वास्थ्य रिपोर्ट से ऐसा नहीं लगता कि यह कोई चिकित्सीय स्थिति है जिसका ध्यान तभी रखा जा सकता है जब उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. बालाजी को 14 जून को ईडी ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. यह मामला पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक शासन के दौरान का है. जिसमें सेंथिल परिवहन मंत्री थे.

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डीएमके मंत्री वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. बालाजी ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत के लिए याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत मद्रास उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी. मद्रास उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिसमें कहा गया था कि अगर उन्हें जमानत दी गई तो उनके गवाहों को प्रभावित करने की संभावना है.

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की शीर्ष अदालत की पीठ ने स्वास्थ्य रिपोर्टों पर गौर करने के बाद कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति में कुछ भी गंभीर नहीं है. बालाजी को नियमित जमानत लेने के लिए ट्रायल कोर्ट से संपर्क करने की छूट दी. पीठ ने कहा कि गुण-दोष के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ अंतरिम आदेश में की गई कोई भी टिप्पणी याचिकाकर्ता के नियमित जमानत आवेदन दाखिल करने के रास्ते में नहीं आएगी.

मंगलवार को जैसे ही पीठ ने मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त की, याचिका वापस ले ली गई और मामले को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया. शीर्ष अदालत ने पहले बालाजी को अपनी मेडिकल रिपोर्ट रिकॉर्ड में पेश करने का निर्देश दिया था.

जमानत याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि बालाजी की स्वास्थ्य रिपोर्ट से ऐसा नहीं लगता कि यह कोई चिकित्सीय स्थिति है जिसका ध्यान तभी रखा जा सकता है जब उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. बालाजी को 14 जून को ईडी ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. यह मामला पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक शासन के दौरान का है. जिसमें सेंथिल परिवहन मंत्री थे.

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