नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को तलोजा जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया कि वह एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क केस से जुड़े मामले में तलोजा जेल में बंद कार्यकर्ता गौतम नवलखा (Gautam Navlakha) को इलाज के लिए तुरंत मुंबई स्थित जसलोक अस्पताल में स्थानांतरित करें. शीर्ष अदालत ने कहा कि चिकित्सकीय इलाज एक कैदी का मौलिक अधिकार है.
न्यायमूर्ति केएम जोसेफ (Justice KM Jospeh) और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय (Justice Hrishikesh Roy) की पीठ ने नवलखा की सहयोगी सबा हुसैन और उनकी बहन को भी उनसे अस्पताल में मिलने की अनुमति दी. पीठ ने कहा, 'पक्षकारों के वकील को सुनने के बाद हमारा विचार है कि चिकित्सकीय इलाज हासिल करना मौलिक अधिकार है. हम निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता को तुरंत गहन चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया जाए.'
पीठ ने कहा 'तलोजा जेल के अधीक्षक को हमने निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता को जसलोक अस्पताल ले जाया जाये ताकि उनकी जरूरी चिकित्सकीय जांच हो सके और उन्हें इलाज मिल सके.' हालांकि, अदालत ने साफ कर दिया कि याचिकाकर्ता पुलिस हिरासत में रहेगा. नवलखा (70 साल) ने बंबई उच्च न्यायालय के 26 अप्रैल के उस आदेश के खिलाफ अपील की थी जिसमें उनके, घर पर ही नजरबंद किए जाने के अनुरोध को ठुकरा दिया गया था. नवलखा ने आशंका जताई थी कि शायद मुंबई के समीप स्थित तलोजा जेल में उन पर्याप्त चिकित्सकीय तथा अन्य सुविधाओं का अभाव हो जिनकी उन्हें जरूरत है. नवलखा तलोजा जेल में ही बंद हैं. गौतम नवलखा की याचिका पर 21 अक्टूबर को फिर सुनवाई होगी.
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