नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों के निर्माण में जहरीले रसायनों के इस्तेमाल पर सीबीआई की रिपोर्ट बहुत गंभीर है और 'प्रथम दृष्टया' बेरियम के इस्तेमाल और पटाखें पर लेबल लगाने पर अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया गया है.
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि सीबीआई ने जब्त किए गए पटाखों में बेरियम सॉल्ट जैसे हानिकारक रसायन पाए. न्यायालय ने कहा कि हिंदुस्तान फायरवर्क्स और स्टैंडर्ड फायरवर्क्स जैसे निर्माताओं ने भारी मात्रा में बेरियम खरीदा और पटाखों में इन रसायनों का इस्तेमाल किया.
पीठ ने सीबीआई, चेन्नई के संयुक्त निदेशक की रिपोर्ट के संबंध में अपना मामला रखने के लिए निर्माताओं को एक और मौका दिया तथा निर्देश दिया कि सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की एक प्रति बृहस्पतिवार तक सभी संबंधित वकीलों को मुहैया करायी जाए.
न्यायालय ने कहा कि हर दिन देश में जश्न होता है लेकिन उसे दूसरे पहलुओं पर भी गौर करना होगा और वह लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकता. इस मामले पर अगली सुनवाई छह अक्टूबर को होगी.
इससे पहले मंगलवार सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करते हुए कहा था कि रोजगार की आड़ में अन्य नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा था कि हमें रोजगार, बेरोजगारी और नागरिकों के जीवन के अधिकार के बीच संतुलन बनाना होगा. कुछ लोगों के रोजगार की आड़ में हम दूसरों को अन्य नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दे सकते.
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कोर्ट ने कहा था कि हमारा मुख्य फोकस निर्दोष नागरिकों के जीवन का अधिकार है. अगर हम पाते हैं कि ईको-फ्रेंडली पटाखे हैं और इसे विशेषज्ञों की समिति द्वारा स्वीकार किया जाता है तो हम उपयुक्त आदेश पारित करेंगे. हमारे देश में मुख्य कठिनाई कार्यान्वयन है. कानून तो हैं लेकिन अंतत: क्रियान्वयन होना जरूरी है. हमारे आदेश को सच्ची भावना से लागू किया जाना चाहिए.