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SC On Migrants Workers: सिर्फ पंजीकरण ही काफी नहीं, प्रवासियों तक पहुंचना चाहिए योजनाओं का लाभ- सुप्रीम कोर्ट - सुप्रीम कोर्ट की खबरें

भारत में प्रवासियों के लाभों के बारे में बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्देश किया है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें यह पता लगाएं की ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासियों के पास राशन कार्ड है या नहीं और उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत उसका लाभ मिल रहा है या नहीं.

SC On Migrants Workers
प्रवासी श्रमिकों पर सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jan 31, 2023, 7:04 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 28.55 करोड़ प्रवासियों के पास राशन कार्ड हैं या नहीं और क्या उन सभी को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभ मिल रहा है, इस बारे में जानकारी अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें. अदालत ने कहा कि 'महज पंजीकरण पर्याप्त नहीं हो सकता है.' न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरथना की पीठ प्रवासियों की समस्याओं और दुखों से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी.

केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि केंद्र और राज्यों के बीच डेटा साझा किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी प्रवासियों को उनके लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ मिले. जस्टिस शाह ने कहा, 'हमें राज्यों और केंद्र के बीच डेटा साझा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. हमारी रुचि है कि प्रवासी, जो कुशल या अकुशल हैं, उन्हें योजना का लाभ मिले. सरकार को हर प्रवासी तक पहुंचना चाहिए, सबसे पहले जो पहले से पंजीकृत हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'तंत्र क्या है- तालुका स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर? कई बार मैंने पाया है कि भवन पंजीकरण के तहत कई लोगों के पास लाइसेंस भी नहीं है.' एएसजी ने कहा कि डेटा शेयरिंग महत्वपूर्ण है, क्योंकि केंद्र की योजनाएं भी राज्यों द्वारा लागू की जाती हैं. एएसजी ने कहा, 'सभी केंद्रीय योजनाओं, राज्य योजनाओं को एकीकृत किया जा सकता है और वे निर्बाध होंगी और लाभ दिए जाएंगे.'

जस्टिस शाह ने कहा, 'आप हमें शुक्रवार या सोमवार तक बताएं कि केंद्र सरकार की कौन सी योजनाएं हैं, जो पहले से पंजीकृत प्रवासियों को सीधे केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी. आप इन योजनाओं के साथ आए हैं, ये आपकी योजनाएं हैं, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि ये लाभ पंजीकृत प्रवासियों को सीधे उपलब्ध हों. अभी राज्य सरकारों के भरोसे न रहें. अन्य योजनाएं क्या हैं, हमें बताएं.'

पढ़ें: Hindu Yuva Vahini Hate Speech Case: दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को किया सूचित, जल्द ही होगी जांच पूरी

जे शाह ने कहा कि कोर्ट यह नहीं कह रहा है कि केंद्र ने कुछ नहीं किया है, लेकिन उसे यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उसकी योजनाओं का लाभ हर प्रवासी तक पहुंचे. उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा सुविधा, पेंशन, शिक्षा सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. जस्टिस शाह ने कहा, 'वे ऐसे लोग नहीं हैं, जो प्रीमियम और सब कुछ वहन कर सकते हैं.' इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 28.55 करोड़ प्रवासियों के पास राशन कार्ड हैं या नहीं और क्या उन सभी को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभ मिल रहा है, इस बारे में जानकारी अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें. अदालत ने कहा कि 'महज पंजीकरण पर्याप्त नहीं हो सकता है.' न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरथना की पीठ प्रवासियों की समस्याओं और दुखों से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी.

केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि केंद्र और राज्यों के बीच डेटा साझा किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी प्रवासियों को उनके लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ मिले. जस्टिस शाह ने कहा, 'हमें राज्यों और केंद्र के बीच डेटा साझा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. हमारी रुचि है कि प्रवासी, जो कुशल या अकुशल हैं, उन्हें योजना का लाभ मिले. सरकार को हर प्रवासी तक पहुंचना चाहिए, सबसे पहले जो पहले से पंजीकृत हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'तंत्र क्या है- तालुका स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर? कई बार मैंने पाया है कि भवन पंजीकरण के तहत कई लोगों के पास लाइसेंस भी नहीं है.' एएसजी ने कहा कि डेटा शेयरिंग महत्वपूर्ण है, क्योंकि केंद्र की योजनाएं भी राज्यों द्वारा लागू की जाती हैं. एएसजी ने कहा, 'सभी केंद्रीय योजनाओं, राज्य योजनाओं को एकीकृत किया जा सकता है और वे निर्बाध होंगी और लाभ दिए जाएंगे.'

जस्टिस शाह ने कहा, 'आप हमें शुक्रवार या सोमवार तक बताएं कि केंद्र सरकार की कौन सी योजनाएं हैं, जो पहले से पंजीकृत प्रवासियों को सीधे केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी. आप इन योजनाओं के साथ आए हैं, ये आपकी योजनाएं हैं, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि ये लाभ पंजीकृत प्रवासियों को सीधे उपलब्ध हों. अभी राज्य सरकारों के भरोसे न रहें. अन्य योजनाएं क्या हैं, हमें बताएं.'

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जे शाह ने कहा कि कोर्ट यह नहीं कह रहा है कि केंद्र ने कुछ नहीं किया है, लेकिन उसे यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उसकी योजनाओं का लाभ हर प्रवासी तक पहुंचे. उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा सुविधा, पेंशन, शिक्षा सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. जस्टिस शाह ने कहा, 'वे ऐसे लोग नहीं हैं, जो प्रीमियम और सब कुछ वहन कर सकते हैं.' इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

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