नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हैदराबाद पुलिस के साथ एक कथित मुठभेड़ में एक पशु चिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोपी चार लोगों की मौत की जांच कर रहे जस्टिस सिरपुरकर पैनल (Justice Sirpurkar Panel) को छह महीने का विस्तार दिया है.
इस दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) एनवी रमना (NV Ramana) की अध्यक्षता वाली पीठ ने देरी पर अपनी नाराजगी व्यक्त की. CJI ने पूछा, 'यह मामला क्यों चल रहा है.' यह 3-4 महीने में किया जा सकता है. क्या इस मामले में 130-140 गवाहों से पूछताछ करना जरूरी है? यूपी मामले की जांच भी खत्म हो गई है, उन्होंने एक रिपोर्ट भी जमा कर दी है.'
बता दें कि एक डॉक्टर दिशा का 27 नवंबर, 2019 को रात में चार लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी और एक दिन बाद उसकी लाश बरामद की गई.
इस घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए. इसने पूरे देश में हलचल मचा दी थी. हालांकि जल्द ही पुलिस ने मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्हें घटनास्थल पर ले जाया गया, जहां दो आरोपियों ने पुलिस वालों से उनकी बंदूकें छीन लीं और उन पर हमला किया. इसके जवाब में पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं और वे मारे गए. इस घटना के बाद लोगों और कुछ नेताओं द्वारा पुलिस की प्रशंसा की गई.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच (fair investigation) और सच्चाई का पता लगाने के लिए याचिका दायर की गई. कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी (three member committee ) का गठन किया जो अभी भी जांच कर रही है. पैनल को शुरुआत में दिसंबर 2019 में 6 महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने और रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया था.
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बता दें कि जांच समिति को दिए गए समय की अवधि अब तीन बार बढ़ाई जा चुकी है.मामले के चार आरोपियों की हैदराबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर गोली मार दी गई थी- उसी राजमार्ग पर जहां 27 वर्षीय पशु चिकित्सक का जला हुआ शव मिला था.
पुलिस ने बताया था कि 27 नवंबर, 2019 को पशु चिकित्सक का अपहरण किया गया, उससे सामूहिक बलात्कार किया गया और बाद में हत्या कर दी गई. पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने बाद में महिला का शव जला दिया था.