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बाल संरक्षण केंद्रों में आनलाइन शिक्षा के साधन उपलब्ध कराएं राज्य : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि बाल संरक्षण केंद्रों के बच्चों को आनलाइन शिक्षा के लिए 2000 रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता प्रदान करें, ताकि वह कोरोना काल में शिक्षा से वंचित न हों.

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Published : Dec 15, 2020, 6:17 PM IST

बाल संरक्षण
बाल संरक्षण

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट नें बाल संरक्षण केंद्रों में रह रहे बच्चों की शिक्षा के लिए राज्यों को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है. जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हेमन गुप्ता और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने कहा है कि कोरोना के कारण बाल संरक्षण केंद्रों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, इसके लिए कदम उठाए जाने जरूरी हैं.

कोर्ट ने राज्यों को दिशा निर्देश दिया है कि वह बाल संरक्षण इकाइयों की सिफारिशों के आधार पर 30 दिन के भीतर बच्चों की आनलाइन पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधन जैसे किताबें और अन्य चीजें उपलब्ध कराएं.

शिक्षकों की संख्या भी हो पर्याप्त

कोर्ट ने कहा कि बाल संरक्षण केंद्रों में आवश्यक शिक्षकों की संख्या उपलब्ध कराई जानी चाहिए और यदि जरूरी हो तो अतिरिक्त कक्षाएं भी आयोजित की जानी चाहिए ताकि बच्चों को अगले साल के लिए निर्धारित अंतिम परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाए.

पढ़ें- संरक्षण घरों से बच्चों को वापस भेजने पर एनसीपीसीआर को नोटिस

कोर्ट ने बाल संरक्षण इकाइयों को भी निर्देश दिया है कि वह बुनियादी ढांचे, आनलाइन कक्षाओं और बच्चों के बारे में हर महीने अपनी रिपोर्ट दें. एमिकस क्यूरी के अनुसार 2,26,518 बच्चों में से, 1,48,788 बच्चों को उनके माता-पिता / अभिभावकों के पास भेज दिया गया है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट नें बाल संरक्षण केंद्रों में रह रहे बच्चों की शिक्षा के लिए राज्यों को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है. जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हेमन गुप्ता और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने कहा है कि कोरोना के कारण बाल संरक्षण केंद्रों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, इसके लिए कदम उठाए जाने जरूरी हैं.

कोर्ट ने राज्यों को दिशा निर्देश दिया है कि वह बाल संरक्षण इकाइयों की सिफारिशों के आधार पर 30 दिन के भीतर बच्चों की आनलाइन पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधन जैसे किताबें और अन्य चीजें उपलब्ध कराएं.

शिक्षकों की संख्या भी हो पर्याप्त

कोर्ट ने कहा कि बाल संरक्षण केंद्रों में आवश्यक शिक्षकों की संख्या उपलब्ध कराई जानी चाहिए और यदि जरूरी हो तो अतिरिक्त कक्षाएं भी आयोजित की जानी चाहिए ताकि बच्चों को अगले साल के लिए निर्धारित अंतिम परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाए.

पढ़ें- संरक्षण घरों से बच्चों को वापस भेजने पर एनसीपीसीआर को नोटिस

कोर्ट ने बाल संरक्षण इकाइयों को भी निर्देश दिया है कि वह बुनियादी ढांचे, आनलाइन कक्षाओं और बच्चों के बारे में हर महीने अपनी रिपोर्ट दें. एमिकस क्यूरी के अनुसार 2,26,518 बच्चों में से, 1,48,788 बच्चों को उनके माता-पिता / अभिभावकों के पास भेज दिया गया है.

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