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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को टीके का प्रतिशत रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया - PLACE ON RECORD

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को टीकाकरण अभियान के पहले तीन चरणों में पात्र व्यक्तियों के टीकाकरण करने वाले लोगों के प्रतिशत के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jun 2, 2021, 5:26 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को टीकाकरण अभियान (vaccination drive) के पहले तीन चरणों में पात्र व्यक्तियों के टीकाकरण करने वाले लोगों के प्रतिशत के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया है, जिसमें ग्रामीण आबादी और शहरी आबादी (rural population and urban population) का प्रतिशत भी शामिल होगा.

इसके अलावा कोर्ट ने जवाब मांगा है कि बाकी आबादी का टीकाकरण कैसे और कब करने की योजना है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़(Justice DY Chandrachud) , न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ( Justice L Nageswara Rao ) और न्यायमूर्ति रवींद्र भट (Justice Ravindra Bhat) की पीठ ने महामारी के दौरान आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के वितरण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किया.

सुनवाई के दौरान अदालत ने विभिन्न मुद्दों की पहचान की थी और उनका मूल्य निर्धारण, ऑक्सीजन आपूर्ति आदि जैसे विभिन्न शीर्षों के तहत ग्रुप बनाया गया.

कोर्ट ने केंद्र को प्रत्येक मुद्दे पर व्यक्तिगत रूप से जवाब दाखिल करने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कोई भी मुद्दा छूट न जाए. इसके अलावा कोर्ट ने टीकों के खरीद के बारे में जानकारी मांगी है, जिसमें कोविशील्ड (Covishield), कोवैक्सिन (covaxin) और स्पुतनिक (sputnik) के लिए दिए गए खरीद आदेश की तारीखें शामिल होंगी. प्रत्येक तिथि और आपूर्ति की अनुमानित तिथि पर आदेश दिया.

म्यूक्रोमाइकोसिस (mucromycosis) के लिए दवा की उपलब्धता के संबंध में भी जानकारी न्यायालय में प्रस्तुत करनी होगी. सुनवाई के दौरान अदालत ने नीति पर स्पष्टता मांगी थी और बदलती स्थिति के अनुसार नीति में संशोधन (ammending policy ) का सुझाव दिया.

अदालत ने अपने आदेश में केंद्र को सभी प्रासंगिक दस्तावेज पेश करने और दो सप्ताह के भीतर फाइल नोटिंग (file notings ) करने का निर्देश दिया है.

पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट से गंगा नदी में बहते मिले शवों को हटाने के निर्देश देने का अनुरोध

9 मई 2021 के एक हलफनामे में केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि वह चाहता है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी आबादी को मुफ्त टीकाकरण प्रदान करें.

कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे इस मुद्दे पर 2 सप्ताह के भीतर अदालत के सामने अपना स्टैंड पेश करें और अपनी व्यक्तिगत नीतियों को भी दर्ज करें. इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जून, 2021 को होगी.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को टीकाकरण अभियान (vaccination drive) के पहले तीन चरणों में पात्र व्यक्तियों के टीकाकरण करने वाले लोगों के प्रतिशत के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया है, जिसमें ग्रामीण आबादी और शहरी आबादी (rural population and urban population) का प्रतिशत भी शामिल होगा.

इसके अलावा कोर्ट ने जवाब मांगा है कि बाकी आबादी का टीकाकरण कैसे और कब करने की योजना है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़(Justice DY Chandrachud) , न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ( Justice L Nageswara Rao ) और न्यायमूर्ति रवींद्र भट (Justice Ravindra Bhat) की पीठ ने महामारी के दौरान आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के वितरण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किया.

सुनवाई के दौरान अदालत ने विभिन्न मुद्दों की पहचान की थी और उनका मूल्य निर्धारण, ऑक्सीजन आपूर्ति आदि जैसे विभिन्न शीर्षों के तहत ग्रुप बनाया गया.

कोर्ट ने केंद्र को प्रत्येक मुद्दे पर व्यक्तिगत रूप से जवाब दाखिल करने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कोई भी मुद्दा छूट न जाए. इसके अलावा कोर्ट ने टीकों के खरीद के बारे में जानकारी मांगी है, जिसमें कोविशील्ड (Covishield), कोवैक्सिन (covaxin) और स्पुतनिक (sputnik) के लिए दिए गए खरीद आदेश की तारीखें शामिल होंगी. प्रत्येक तिथि और आपूर्ति की अनुमानित तिथि पर आदेश दिया.

म्यूक्रोमाइकोसिस (mucromycosis) के लिए दवा की उपलब्धता के संबंध में भी जानकारी न्यायालय में प्रस्तुत करनी होगी. सुनवाई के दौरान अदालत ने नीति पर स्पष्टता मांगी थी और बदलती स्थिति के अनुसार नीति में संशोधन (ammending policy ) का सुझाव दिया.

अदालत ने अपने आदेश में केंद्र को सभी प्रासंगिक दस्तावेज पेश करने और दो सप्ताह के भीतर फाइल नोटिंग (file notings ) करने का निर्देश दिया है.

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9 मई 2021 के एक हलफनामे में केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि वह चाहता है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी आबादी को मुफ्त टीकाकरण प्रदान करें.

कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे इस मुद्दे पर 2 सप्ताह के भीतर अदालत के सामने अपना स्टैंड पेश करें और अपनी व्यक्तिगत नीतियों को भी दर्ज करें. इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जून, 2021 को होगी.

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