नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट मतदाता सूची में डुप्लिकेट प्रविष्टियों का मुद्दा उठाने वाली एक याचिका पर सुनवायी करने के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि याचिका को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के स्थायी वकील को भेजा जाना चाहिए. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की.
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस अदालत के अधिकार क्षेत्र को अन्य बातों के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची को संशोधित करने की प्रक्रिया जारी रहेगी. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के अनुसार, उन निर्वाचकों के संबंध में पर्याप्त कदम उठाए जायेंगे.
याचिकाकर्ता संविधान बचाओ ट्रस्ट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश के संचार का हवाला देते हुए कहा कि डुप्लिकेट प्रविष्टियों के सत्यापन के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि इससे पहले कि यह अदालत इस मामले में आगे बढ़ने का फैसला करे, यह उचित होगा कि हम निर्देश दें कि याचिका की एक प्रति भारत के चुनाव आयोग के स्थायी वकील अमित शर्मा को दी जाए. 10 नवंबर को पीठ ने मामले को 28 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने इस बात पर जोर दिया कि मतदाता सूची में डुप्लिकेट प्रविष्टियों के मुद्दे से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इस मुद्दे को इस साल जुलाई और अगस्त के बीच हल किया जाना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
पीठ ने वकील से भारत चुनाव आयोग के समक्ष जाने को कहा. हालांकि, वकील ने इस बात पर जोर दिया कि याचिकाकर्ता ने ईसीआई के समक्ष कई अभ्यावेदन दिए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि याचिका की एक प्रति चुनाव आयोग के स्थायी वकील को दी जाए.