ETV Bharat / bharat

Sawan Somvati Amavasya 2023 : इसलिए खास है अबकी बार सावन माह की सोमवती अमावस्या

अबकी बार हरियाली अमावस्या पर सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग बनने जा रहा है. इस दिन भोलेनाथ की पूजा के साथ साथ पौधारोपण लाभकारी होगा...

Sawan Somvati Amavasya 2023 Significance
सावन माह की सोमवती अमावस्या
author img

By

Published : Jul 13, 2023, 3:30 PM IST

Updated : Jul 13, 2023, 4:12 PM IST

नई दिल्ली : सावन 2023 के महीने में अबकी बार सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग बनने जा रहा है. सावन महीने के दूसरे सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या का यह दुर्लभ संयोग देखा जा रहा है. इसलिए इस दिन भोलेनाथ की पूजा के साथ साथ पौधारोपण व वृक्षों की पूजा का आयोजन किया जा सकता है.

आपको बता दें कि सावन माह की अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है. हमारे हिन्दू धर्म के पुराणों में इस दिन पर्यावरण संरक्षण की बात कही जाती है तथा लोग इस दिन महादेव के साथ-साथ पितरों की पूजा कर पौधारोपण किया करते हैं, क्योंकि हमारे हिंदू धर्म में वृक्षों को भी भगवान का स्वरूप माना जाता है और अलग-अलग समय पर अलग-अलग वृक्षों व पौधों की पूजा की जाती है.

इस साल हरियाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या भी होगी और ये सावन के दूसरे सोमवार अर्थात् 17 जुलाई 2023 को पड़ रही है. इस दिन सावन महीने का दूसरा सोमवार भी पड़ने के कारण इसकी महत्ता और भी बढ़ गयी है. इस दिन शिव के साथ-साथ पेड़ पौधों की पूजा होगी.

Sawan Somvati Amavasya 2023 Significance
सोमवती अमावस्या पर पूजा

कैलेंडर के हिसाब से सावन माह में सोमवती अमावस्या की तिथि 16 जुलाई 2023 को रात्रि में 10 बजकर 8 मिनट पर ही शुरू हो जाएगी और सावन अमावस्या का समापन 18 जुलाई 2023 को प्रात:काल 12 बजकर 01 मिनट पर होगा.

ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवती अमावस्या के दिन जो महिलाएं सोमवती अमावस्या का व्रत रखकर शिव पूजा करती हैं, उन्हें सदा सुहागिन रहने का वर मिल जाता है. सोमवती अमावस्या के प्रभाव से एक ओर जहां पति और संतान की आयु लंबी होती है, वहीं दूसरी तरफ घर परिवार में खुशहाली आती है.

शास्त्रों में कहा जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन शिवलिंग का कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक काफी लाभकारी होता है. ऐसा करने वालों को पितृ दोष, कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाया करती है. साथ ही अपने पूर्वजों की कृपा से परिवार में सम्पन्नता दिखायी देने लगती है.

इसे भी देखें..

नई दिल्ली : सावन 2023 के महीने में अबकी बार सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग बनने जा रहा है. सावन महीने के दूसरे सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या का यह दुर्लभ संयोग देखा जा रहा है. इसलिए इस दिन भोलेनाथ की पूजा के साथ साथ पौधारोपण व वृक्षों की पूजा का आयोजन किया जा सकता है.

आपको बता दें कि सावन माह की अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है. हमारे हिन्दू धर्म के पुराणों में इस दिन पर्यावरण संरक्षण की बात कही जाती है तथा लोग इस दिन महादेव के साथ-साथ पितरों की पूजा कर पौधारोपण किया करते हैं, क्योंकि हमारे हिंदू धर्म में वृक्षों को भी भगवान का स्वरूप माना जाता है और अलग-अलग समय पर अलग-अलग वृक्षों व पौधों की पूजा की जाती है.

इस साल हरियाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या भी होगी और ये सावन के दूसरे सोमवार अर्थात् 17 जुलाई 2023 को पड़ रही है. इस दिन सावन महीने का दूसरा सोमवार भी पड़ने के कारण इसकी महत्ता और भी बढ़ गयी है. इस दिन शिव के साथ-साथ पेड़ पौधों की पूजा होगी.

Sawan Somvati Amavasya 2023 Significance
सोमवती अमावस्या पर पूजा

कैलेंडर के हिसाब से सावन माह में सोमवती अमावस्या की तिथि 16 जुलाई 2023 को रात्रि में 10 बजकर 8 मिनट पर ही शुरू हो जाएगी और सावन अमावस्या का समापन 18 जुलाई 2023 को प्रात:काल 12 बजकर 01 मिनट पर होगा.

ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवती अमावस्या के दिन जो महिलाएं सोमवती अमावस्या का व्रत रखकर शिव पूजा करती हैं, उन्हें सदा सुहागिन रहने का वर मिल जाता है. सोमवती अमावस्या के प्रभाव से एक ओर जहां पति और संतान की आयु लंबी होती है, वहीं दूसरी तरफ घर परिवार में खुशहाली आती है.

शास्त्रों में कहा जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन शिवलिंग का कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक काफी लाभकारी होता है. ऐसा करने वालों को पितृ दोष, कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाया करती है. साथ ही अपने पूर्वजों की कृपा से परिवार में सम्पन्नता दिखायी देने लगती है.

इसे भी देखें..

Last Updated : Jul 13, 2023, 4:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.