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संयुक्त किसान मोर्चा का लीगल सेल देगा किसानों को मिलने वाले नोटिस का जवाब - लीगल सेल देखेगी सभी मामले

संयुक्त किसान मोर्चा के लीगल सेल ने दिल्ली की अलग-अलग अदालतों में 150 से ज्यादा वकीलों की टीम तैयार की है, जो उन किसानों की मदद करेंगे जिन पर मुकदमे दायर कर जेल भेजा गया है.

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Published : Feb 13, 2021, 9:20 PM IST

नई दिल्ली : 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई पर संयुक्त किसान मोर्चा ने सवाल खड़े किए हैं. शनिवार को मोर्चा के लीगल सेल ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि दिल्ली पुलिस और उससे संबद्ध क्राइम ब्रांच द्वारा किसानों को नोटिस दिए जा रहे हैं.

लीगल सेल ने गिरफ्तार कर जेल भेजे गए किसानों को जमानत दिलाने के लिए काम करना शुरू कर दिया है और अब तक 10 किसानों को जमानत मिल चुकी है. वहीं, पांच अन्य की जमानत याचिका कोर्ट में लगाई जा चुकी है.

संयुक्त किसान मोर्चा के लीगल सेल में शामिल वकीलों ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा कुल 44 एफआईआर दर्ज की गई हैं जिसमें से उन्हें 22 की कॉपी मिल चुकी है. इनमें से कुल 14 एफआईआर में ही किसानों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में यह पता नहीं चल पा रहा है कि अन्य मामलों में कोई गिरफ्तारी हुई है या नहीं, क्योंकि अभी तक 22 मामलों की एफआईआर कॉपी किसान मोर्चा की लीगल टीम के पास नहीं है.

150 वकीलों की टीम तैयार
संयुक्त किसान मोर्चा के लीगल सेल ने दिल्ली की अलग-अलग अदालतों में 150 से ज्यादा वकीलों की टीम तैयार की है, जो उन किसानों की मदद करेंगे जिन पर मुकदमे दायर कर जेल भेजा गया है. 26 जनवरी हिंसा मामले में अब भी कई प्रदर्शनकारियों के घर नोटिस पहुंच रहे हैं. ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं जिनमें क्राइम ब्रांच ने नोटिस दे कर जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने के बहाने बुलाया और उसके बाद युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

मदद के लिए किसान करें संपर्क
दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटि द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा को दिल्ली में कार्यालय भी दिया गया है. जहां किसान मदद के लिये सीधे संपर्क कर सकते हैं. सरकार को आड़े हाथों लेते हुए किसान मोर्चा के लीगल सेल ने कहा है कि सरकार आंदोलन को दबाने के लिये दमनकारी नीतियां अपना रही है. उसी के तहत किसानों पर CRPC के सेक्शन 160 के मुकदमे दर्ज किये गए हैं जो गलत है. किसान मोर्चा की लीगल टीम के छह सदस्य शुक्रवार को दिल्ली के तिहाड़ जेल भी पहुंचे थे. जहां उन्होंने जेल में बंद 112 किसानों से मुलाकात की.

लीगल सेल देखेगा सभी मामले
लीगल सेल के कोर टीम में शामिल इन सदस्यों ने बताया कि तिहाड़ जेल में किसान बिल्कुल ठीक हालात में हैं और उन्हें किसी तरह की दिक्कत वहां नहीं हो रही है. जेल में बंद किसानों की आर्थिक मदद भी संयुक्त किसान मोर्चा करेगा.

संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि जब तक जेल में बंद किसानों को जमानत नहीं मिल जाती, तब तक उन्हें कानूनी सहायता के साथ-साथ उनको और उनके परिवार को कुछ आर्थिक सहायता भी दी जाएगी.

यह भी पढ़ें- सीमा विवाद : चालाक ड्रैगन से पाना है पार तो भारत को देना होगा रणनीति को धार

किसान मोर्चा ने कहा है कि दिल्ली से बहुत सारे वकीलों ने खुद इच्छा जताई है कि वह किसानों की मदद के लिये कानूनी सहायता देना चाहते हैं.

नई दिल्ली : 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई पर संयुक्त किसान मोर्चा ने सवाल खड़े किए हैं. शनिवार को मोर्चा के लीगल सेल ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि दिल्ली पुलिस और उससे संबद्ध क्राइम ब्रांच द्वारा किसानों को नोटिस दिए जा रहे हैं.

लीगल सेल ने गिरफ्तार कर जेल भेजे गए किसानों को जमानत दिलाने के लिए काम करना शुरू कर दिया है और अब तक 10 किसानों को जमानत मिल चुकी है. वहीं, पांच अन्य की जमानत याचिका कोर्ट में लगाई जा चुकी है.

संयुक्त किसान मोर्चा के लीगल सेल में शामिल वकीलों ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा कुल 44 एफआईआर दर्ज की गई हैं जिसमें से उन्हें 22 की कॉपी मिल चुकी है. इनमें से कुल 14 एफआईआर में ही किसानों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में यह पता नहीं चल पा रहा है कि अन्य मामलों में कोई गिरफ्तारी हुई है या नहीं, क्योंकि अभी तक 22 मामलों की एफआईआर कॉपी किसान मोर्चा की लीगल टीम के पास नहीं है.

150 वकीलों की टीम तैयार
संयुक्त किसान मोर्चा के लीगल सेल ने दिल्ली की अलग-अलग अदालतों में 150 से ज्यादा वकीलों की टीम तैयार की है, जो उन किसानों की मदद करेंगे जिन पर मुकदमे दायर कर जेल भेजा गया है. 26 जनवरी हिंसा मामले में अब भी कई प्रदर्शनकारियों के घर नोटिस पहुंच रहे हैं. ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं जिनमें क्राइम ब्रांच ने नोटिस दे कर जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने के बहाने बुलाया और उसके बाद युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

मदद के लिए किसान करें संपर्क
दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटि द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा को दिल्ली में कार्यालय भी दिया गया है. जहां किसान मदद के लिये सीधे संपर्क कर सकते हैं. सरकार को आड़े हाथों लेते हुए किसान मोर्चा के लीगल सेल ने कहा है कि सरकार आंदोलन को दबाने के लिये दमनकारी नीतियां अपना रही है. उसी के तहत किसानों पर CRPC के सेक्शन 160 के मुकदमे दर्ज किये गए हैं जो गलत है. किसान मोर्चा की लीगल टीम के छह सदस्य शुक्रवार को दिल्ली के तिहाड़ जेल भी पहुंचे थे. जहां उन्होंने जेल में बंद 112 किसानों से मुलाकात की.

लीगल सेल देखेगा सभी मामले
लीगल सेल के कोर टीम में शामिल इन सदस्यों ने बताया कि तिहाड़ जेल में किसान बिल्कुल ठीक हालात में हैं और उन्हें किसी तरह की दिक्कत वहां नहीं हो रही है. जेल में बंद किसानों की आर्थिक मदद भी संयुक्त किसान मोर्चा करेगा.

संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि जब तक जेल में बंद किसानों को जमानत नहीं मिल जाती, तब तक उन्हें कानूनी सहायता के साथ-साथ उनको और उनके परिवार को कुछ आर्थिक सहायता भी दी जाएगी.

यह भी पढ़ें- सीमा विवाद : चालाक ड्रैगन से पाना है पार तो भारत को देना होगा रणनीति को धार

किसान मोर्चा ने कहा है कि दिल्ली से बहुत सारे वकीलों ने खुद इच्छा जताई है कि वह किसानों की मदद के लिये कानूनी सहायता देना चाहते हैं.

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