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Sanjeevani Scam: सीबीआई ने हाईकोर्ट में रखा अपना पक्ष, कहा-न्यायालय का आदेश होगा, तो कर सकते हैं जांच

संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी मामले में सीबीआई ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कोर्ट का आदेश होगा, तो एजेंसी जांच कर सकती है.

sanjeevani scam in high court
सीबीआई ने हाईकोर्ट में रखा अपना पक्ष
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 11:05 PM IST

जोधपुर. सीबीआई ने 900 करोड़ रूपए के संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी मामले में अपना पक्ष हाईकोर्ट में पेश कर दिया है. एजेंसी ने कहा है कि अगर कोर्ट का आदेश होगा, तो सीबीआई जांच कर सकती है. सीबीआई संजीवनी मामले में ही गुजरात और मध्य प्रदेश राज्यों से स्थानांतरित मामलों की जांच कर रही है.

हाईकोर्ट में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विविध आपराधिक याचिका दायर करते हुए संजीवनी मामले की जांच एसओजी से हटाकर सीबीआई को देने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने अप्रैल में उन्हें गिरफ्तारी से राहत दे दी थी. हालांकि, इस मामले में एसओजी ने दूसरी सुनवाई पर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करते हुए कहा था कि शेखावत अब तक की जांच में आरोपी पाए गए हैं. कोर्ट ने सीबीआई से अपना पक्ष रखने को कहा था.

पढ़ें: Sanjivani Scam : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक को बढ़ाया, अगली सुनवाई 11 सितंबर को

सीबीआई ने कहा कि बड्स एक्ट के तहत एक से अधिक राज्यों से जुड़े मामले की जांच करने का क्षेत्राधिकार एजेंसी का है. संजीवनी मामले में राजस्थान समेत गुजरात और मध्यप्रदेश में मामले दर्ज हुए हैं. दो राज्यों के मामले उसके पास आ चुके हैं. राजस्थान के लिए भी यदि कोर्ट आदेश देगा, तो जांच की जा सकती है. सीबीआई ने कहा कि 2020 में एक अन्य याचिका पर जांच से इसलिए मना किया गया था कि उस समय तक गुजरात और मध्यप्रदेश के मामले उसके सामने नहीं आए थे.

जोधपुर. सीबीआई ने 900 करोड़ रूपए के संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी मामले में अपना पक्ष हाईकोर्ट में पेश कर दिया है. एजेंसी ने कहा है कि अगर कोर्ट का आदेश होगा, तो सीबीआई जांच कर सकती है. सीबीआई संजीवनी मामले में ही गुजरात और मध्य प्रदेश राज्यों से स्थानांतरित मामलों की जांच कर रही है.

हाईकोर्ट में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विविध आपराधिक याचिका दायर करते हुए संजीवनी मामले की जांच एसओजी से हटाकर सीबीआई को देने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने अप्रैल में उन्हें गिरफ्तारी से राहत दे दी थी. हालांकि, इस मामले में एसओजी ने दूसरी सुनवाई पर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करते हुए कहा था कि शेखावत अब तक की जांच में आरोपी पाए गए हैं. कोर्ट ने सीबीआई से अपना पक्ष रखने को कहा था.

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सीबीआई ने कहा कि बड्स एक्ट के तहत एक से अधिक राज्यों से जुड़े मामले की जांच करने का क्षेत्राधिकार एजेंसी का है. संजीवनी मामले में राजस्थान समेत गुजरात और मध्यप्रदेश में मामले दर्ज हुए हैं. दो राज्यों के मामले उसके पास आ चुके हैं. राजस्थान के लिए भी यदि कोर्ट आदेश देगा, तो जांच की जा सकती है. सीबीआई ने कहा कि 2020 में एक अन्य याचिका पर जांच से इसलिए मना किया गया था कि उस समय तक गुजरात और मध्यप्रदेश के मामले उसके सामने नहीं आए थे.

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