कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती अवैध है, लेकिन उत्तराखंड से भांग का रॉ मटैरियल लाकर हिमाचल में विश्व का सबसे पहला सेनेटरी पैड निर्मित हुआ है. यह सेनेटरी पैड हिमालयन हैम्प इंडस्ट्रीज डमटाल कांगड़ा ने निर्मित किया है. खास बात यह है कि यह सेनेटरी पैड बेहद सुरक्षित है और महिलाओं को कई बीमारियों से भी सुरक्षित रखता है.
Hemp से बने 200 उत्पादों की प्रदर्शनी: रविवार को ढालपुर के अटल सदन कुल्लू में भांग की खेती की वैधता के लिए आयोजित बैठक में इस बात का खुलासा हुआ. कंपनी के संचालक हनीश कतनावर, सोनम सोढा ने बताया कि वे हैम्प से 200 उत्पाद तैयार कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि हैम्प से बने कॉटेज भूंकप प्रतिरोधी होते हैं, जो सर्दियों में गर्म, गर्मियों में ठंडा रहता है. इतना ही नहीं उसमें आग भी नहीं लगती. इसके अलावा कंपनी ने भांग से एचएन 95 मास्क, शर्ट भी अलग-अलग डिजाइन में तैयार किया है.
Hemp से बनाए जा रहे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट: वही, हैम्प से पेपर मटीरियल विजिटिंग कार्ड, कैप, कॉस्मेटिक शेंपू बार, मुहासों के लिए क्रीम, ऑयली स्किन क्रीम भांग से बनाए जा रहे हैं. भविष्य में भांग से बच्चों के डायपर, जैकेट्स आदि तैयार किए जाएंगे. हैम्प सीड ऑयल, हैम्प सीड प्रोटीन पाउडर, हैम्प हार्ट सुपर फूड भी इस कंपनी द्वारा तैयार किया जा रहा है. इस कंपनी को भारत सरकार ने नेशनल स्टार्टअप आवार्ड दिया है. यह हिमाचल की एक मात्र हैम्प कंपनी है, जिसे नेशनल स्टार्टअप आवार्ड मिला है.
हिमाचल में भांग के जूते सहित 200 उत्पाद: हिमाचल में वर्तमान में भांग की खेती प्रतिबंधित है लेकिन सरकार अब भांग की खेती को वैध करने की कवायद में जुटी हुई है. वहीं, उत्तराखंड की भांग से हिमाचल में भांग के जूते सहित 200 उत्पाद निर्मित हो रहे हैं. खास बात यह है कि भांग से बनने वाली पुलें तो सदियों से बनती आ रही है, लेकिन स्पोर्ट्स शूज पहली बार नजर आए हैं. यह उत्पाद भी इट्स हैम्प कंपनी बना रही है.
हिमाचल में भांग की खेती को वैध करने की मांग: कांगड़ा में चलने वाली इट्स हैम्प कंपनी के फाउंडर सृजन शर्मा का कहना है कि यदि हिमाचल में भांग की खेती को वैध किया जाता है तो, इसके कई फायदे हैं. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और देश की मार्केट में हैम्प प्रोडक्ट सस्ते भी होंगे. उन्होंने कहा भांग की खेती को वैध करने से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और यहीं पर भांग की खेती भी होगी. साथ ही साथ हिमाचल में भांग से बनने वाले उत्पादों के निर्माण के लिए उद्योग भी लगेगें.
उन्होंने बताया कि अभी तक वे अपने उत्पादों को बनाने के लिए उत्तराखंड से भांग का रॉ मटीरियल मंगाते हैं, जिस कारण यह उत्पाद मंहगे पड़ रहे हैं. आज यहां कुल्लू के अटल सदन में प्रदेश सरकार द्वारा गठित कमेटी ने भांग की खेती को वैध करवाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों से सुझाव मांग. इस अवसर पर यहां भांग निर्मित कई उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए.
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