वाराणसी: इन दिनों रुपहले पर्दे पर आई द केरल स्टोरी को लेकर काफी चर्चा हो रही है. सिनेमा हॉल में आम लोगों के साथ साधु सन्यासी और बहुत से लोग इस फिल्म को देखने पहुंच रहे हैं और फिल्म में दिखाए गए दृश्य और स्टोरी को सनातन धर्म के साथ किए गए खराब बर्ताव और हिंदू लड़कियों के साथ की गई तमाम गलत चीजों के विरोध के रूप में भी सामने रख रहे हैं. इन सबके बीच अब वाराणसी और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से 16 और 17 मई को केरल में आयोजित होने जा रहे संतों के एक बड़े सम्मेलन में बड़ा मुद्दा बनाकर उठाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए संत समिति की एक टीम के रवाना होगी.
वह सारी चीजें हम लोगों के सामने आ गई हैं. केरल में जो कुछ होता आया है या जो कुछ हो रहा है वह एक गंभीर समस्या है और सनातन धर्म के खिलाफ रची जा रही बड़ी साजिश को उजागर करने वाला है इसलिए अब संत चुप नहीं बैठेंगे और शांति से लेकर बड़ा आंदोलन छेड़ने जा रहे हैं. इसके लिए आगामी 16 और 17 मई को केरल में संतों की बड़ी बैठक होने जा रही है इसमें केरल के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में संत पहुंचने वाले हैं और वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से भी संतो को लेकर संत समिति के महामंत्री खुद रवाना होने वाले हैं. उनका कहना है कि केरल समेत अन्य जगहों पर जिस तरह से सनातन धर्म की लड़कियों को धर्म परिवर्तन करके उनके साथ घिनौनी घटनाएं हो रही हैं. उसे रोकना अनिवार्य है इस पर कैसे अंकुश लगाया जाए इसे लेकर केरल में होने वाले संत सम्मेलन में गहन मंथन होगा.
वही जितेंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि जिस तरह से इस फिल्म को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने इसे टैक्स फ्री किया है वैसे ही इसे उत्तर प्रदेश में भी टैक्स फ्री किया जाना अनिवार्य है उनका कहना था कि मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करता हूं कि केरल स्टोरी को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री कर दें ताकि यहां की हर लड़की इस फिल्म को देखकर जागरूक हो और इस बात से अगर हो जाए कि उन्हें किस के साथ दोस्ती करनी है और किसके साथ दोस्ती नहीं करनी है क्योंकि यह एक बड़ा मुद्दा है और पेरेंट्स को भी अपने बच्चों के साथ बैठकर इस विषय पर चर्चा खुलकर करनी चाहिए ताकि उन्हें पता चले कि वह कहां सुरक्षित हैं और कहां असुरक्षित.