हरिद्वार: महाराष्ट्र में जूना अखाड़ा के चार नागा संन्यासियों पर हमले के बाद हरिद्वार के संतों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने महाराष्ट्र में नागा संन्यासियों पर हमले को संतों पर दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई बताते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है. निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ने मराठी में बोलकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है.
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि (Swami Kailashananda Giri) ने कहा कि महाराष्ट्र के सांगली जनपद के लंबागढ़ गांव में जूना अखाड़े के चार नागा संन्यासियों पर स्थानीय लोगों ने हमला कर बेहद घिनौनी हरकत की है. ये घटना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. नागा संन्यासियों ने भारत के साथ-साथ सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह नहीं की. इस तरह से लोगों का साधु संतों पर हमला करना बेहद ही निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बच्चा चोर बताकर लाठी-डंडों से नागाओं पर हमला किया गया है, उससे साफ जाहिर होता है कि यह कोई सोची समझी साजिश है. आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने कहा कि संतों की अपनी परंपराएं होती हैं, जिन परंपराओं का वह निर्वहन करते हैं और धर्म का प्रचार करते हैं. इस तरह से एक सोची समझी साजिश के तहत उन्हें बच्चा चोर गैंग बताकर उन पर हमला करवाना या करना यह सनातनियों का काम नहीं है यह गैर गैरसनातनी लोग हैं, जो सिर्फ और सिर्फ भ्रम फैलाकर सनातन को खत्म करना चाहते हैं.
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बता दें, महाराष्ट्र के सांगली जिले में जूना अखाड़े के चार नागा संन्यासियों को स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बच्चा चोर समझकर लाठी-डंडों से पिटाई कर दी गई थी. इस घटना से हरिद्वार के साधु संतों में रोष देखने को मिल रहा है. संतों ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.