रुड़की: भगवानपुर थाना क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जन्मोत्सव शोभायात्रा में पथराव की घटना के बाद घटनास्थल जा रहे महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि को पुलिस ने रोक दिया, जिसके बाद मीडिया से बातचीत में महामंडलेश्वर ने पुलिस अधिकारियों पर माफिया से मिलीभगत के आरोप लगाए हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर दो दिन में पत्थरबाजी करने वालों के घर बुलडोजर नहीं चला तो जलालपुर गांव में धर्म संसद की जाएगी.
रुड़की के सुनहरा स्थित जीवनदीप आश्रम में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने कहा कि डाडा जलालपुर में हुई हिंसा महज घटना नहीं बल्कि, एक प्रयोग है, जो दिल्ली, राजस्थान समेत अन्य कई स्थानों पर किया गया. यहां जानबूझकर हिंदू समाज द्वारा निकाली जा रही शोभायात्राओं पर पत्थरबाजी हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि रोहिंग्या और बंग्लादेशी मुस्लिम हरिद्वार जनपद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में बसाए जा रहे हैं. इसकी जानकारी उत्तराखंड पुलिस और खुफिया विभाग को भी है.
महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी उन लोगों के साथ मिलकर पार्टियां करते हैं. उन्होंने कहा कि डाडा जलालपुर में पुलिस द्वारा बुलडोजर की नुमाइश लगाई गई है और तमाशा बनाया जा रहा है. वहीं पुलिस द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. इस मामले में केवल गिरफ्तारी कर खानापूर्ति की गई है. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई करती तो पत्थरबाजी करने वालों के घरों पर अब तक बुलडोजर चलना चाहिए था.
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महामंडलेश्वर ने कहा कि भगवानपुर पुलिस के संज्ञान में पूरा मामला था. उसके बाद भी मौके पर केवल दो होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष माफिया के साथ बैठकर शराब की पार्टी करते हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मारपीट करते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा थाना सस्पेंड होना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर दो दिन में आरोपियों के मकान नहीं तोड़े गए तो संतों के साथ डाडा जलालपुर गांव में धर्म संसद होगी. जिसमें हिंदू रक्षा सेना और साधु-संत समाज उपस्थित रहेगा. उन्होंने हिन्दू समाज से अपील की है कि वह पुलिस प्रसाशन के भरोसे न रहे और आगे आएं.
वहीं, हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने कहा कि पूरा प्रदेश इस्लाम की गिरफ्त में आ चुका है. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन वहां जिहादियों को संरक्षण देने का काम कर रहा है, वहां बुलडोजर की नुमाइश लगाई गई है. उसकी नुमाइश न लगाई जाए बल्कि उसे आरोपियों के घर पर चलाना चाहिए. अगर दो दिन में बुलडोजर नहीं चला तो धर्म संसद होगी और देशभर के संत वहां जुटेंगे.