बेंगलुरु: बेंगलुरु 'सेफ सिटी' प्रोजेक्ट के तहत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शुक्रवार को नवनिर्मित कमांड सेंटर का उद्घाटन करेंगे. मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, गृह मंत्री जी परमेश्वर और अन्य लोग होंगे. वसंत नगर में बेंगलुरु पुलिस आयुक्त कार्यालय के बगल में स्थित इस इमारत का उद्घाटन सुबह 11 बजे किया जाएगा. इस साल मार्च में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र के 'निर्भया फंड' के तहत परिकल्पित 'सेफ सिटी' परियोजना के पहले चरण का शुभारंभ किया.
हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया लिमिटेड को 2021 में 496.57 करोड़ रुपये में इस परियोजना अनुबंध मिला है. अधिकारियों के अनुसार, परियोजना की लागत केंद्र और राज्य के बीच 60:40 के अनुपात में साझा की जाती है. परियोजना के तहत 3,000 प्रमुख क्षेत्रों, 50 सुरक्षा द्वीपों, 158 दृश्य केंद्रों और एक कमांड सेंटर में 7,500 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई थी.
डीएच ने बताया कि चरण एक में, 4,100 निगरानी कैमरे, 30 सुरक्षा द्वीप, 96 देखने के केंद्र (पुलिस स्टेशनों में 88 और डीसीपी कार्यालयों में आठ) और कैमरों से लैस आठ ड्रोन के साथ एक कमांड सेंटर स्थापित किया गया था. बाकी को चरण दो के हिस्से के रूप में स्थापित किया जा रहा था, जो इस साल की शुरुआत में शुरू हुआ था.
बता दें कि पहले इस प्रोजेक्ट पर करीब 900 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. यह एक टेंडर था. लेकिन तत्कालीन आईपीएस अधिकारी डी. रूपा ने टेंडर प्रक्रिया के बारे में सवाल उठाये थे जिसके बाद उन्हें अपना पद गंवाना पड़ा था. लेकिन अब यही प्रोजेक्ट करीब 450 करोड़ रु के अनुमानित खर्चे के साथ शुरू हो रहा है.
आईपीएस अधिकारी डी. रूपा ने तब कहा था कि निर्भया निधि के तहत बेंगलुरु सिटी सेफ सिटी प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया में घोटाला हुआ है. रूपा ने पहले भी आरोप लगाया था. इस संबंध में उन्होंने सरकार के मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा था. सेफ सिटी परियोजना के टेंडर के संबंध में डी. रूपा और बेंगलुरु शहर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रहे हेमंत निंबालकर के बीच झगड़े का कारण भी यही था. वर्तमान में, पूरे प्रोजेक्ट के एक हिस्से के रूप में बैंगलोर सिटी सेफ सिटी कमांड सेंटर भवन का उद्घाटन किया जा रहा है.
सुरक्षित शहर परियोजना की मुख्य बातें
- 5500 जगहों पर सीसीटीवी लगाना.
- उन जगहों पर अधिक सुरक्षा जहां महिलाओं और छात्रों की आवाजाही अधिक होती है.
- महिला महाविद्यालय, गारमेंट्स भागों में महिला पुलिस चौकी की स्थापना.
- जीपीएस ट्रैकर के साथ सुरक्षा बैंड जारी करना और उपयोग करना.
- बस स्टैंड, बाजार एवं बसों में आपातकालीन सुरक्षा अलार्म की स्थापना.
- महिला सुरक्षा हेतु महिला पुलिस थानों की स्थापना.
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