नई दिल्ली: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. राजस्थान मंत्रिमंडल में जल्द फेरबदल होने और राजनीतिक नियुक्तियों की संभावना के बीच यह बैठक हुई है. सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने सोनिया गांधी के साथ अपने विचार साझा किए हैं. यह अच्छा है कि वह सभी से फीडबैक ले रही हैं. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राजस्थान में कांग्रेस फिर से सत्ता में आए.
प्रतिष्ठित पद के साथ पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए
पायलट ने कहा कि मेरा मानना है कि पार्टी के जिन सदस्यों ने भाजपा शासन के दौरान संघर्ष किया है, विरोध प्रदर्शन करके, यहां तक कि सड़कों पर पीटे गए हैं, उन्हें पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए एक प्रतिष्ठित पद के साथ पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए.
जिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 5 साल BJP शासन में धरने दिए, पदयात्राएं की, भूख हड़ताल की, लाठियां खाईं जेलों में गए और अपना व्यक्तित्व नुक़सान कराया, मुझे लगता है उन सभी को सही पहचान और मान-सम्मान देकर अगर हम आगे रखकर काम करेंगे तो अच्छे परिणाम आ सकते हैं.
प्रतिष्ठित पद के साथ पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए
पायलट ने कहा कि मेरा मानना है कि पार्टी के जिन सदस्यों ने भाजपा शासन के दौरान संघर्ष किया है, विरोध प्रदर्शन करके, यहां तक कि सड़कों पर पीटे गए हैं, उन्हें पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए एक प्रतिष्ठित पद के साथ पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए. जिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 5 साल BJP शासन में धरने दिए, पदयात्राएं की, भूख हड़ताल की, लाठियां खाईं जेलों में गए और अपना व्यक्तित्व नुक़सान कराया, मुझे लगता है उन सभी को सही पहचान और मान-सम्मान देकर अगर हम आगे रखकर काम करेंगे तो अच्छे परिणाम आ सकते हैं.
उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल के संदर्भ में कह कि मुझे लगता है कि अनुभव, विश्वसनीयता, कामकाज, क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को ध्यान में रखकर कांग्रेस अध्यक्ष फैसला करेंगी। वह उचित समय पर उचित निर्णय लेंगी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले पायलट की बुधवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई थी.
उधर, अशोक गहलोत ने भी बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और कहा था कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में फैसला उन्होंने आलाकमान पर छोड़ दिया है. गहलोत ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने विचार पार्टी नेतृत्व के समक्ष रखे हैं और आपस में हुई बातचीत के आधार पर जो भी फैसला होगा, वह सबको मंजूर होगा.
इससे पहले, अशोक गहलोत की यहां बुधवार को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ लंबी बैठक हुई जिसमें मंत्रिमंडल के विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और राज्य की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चा हुई.
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सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर जल्द ही अंतिम निर्णय होने की संभावना है.