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जर्मनी ने कहा, पुतिन को रोकना जरूरी; जेलेंस्की बोले- रूस यूरोप की बुनियाद को करना चाहता है खत्म - रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 36वां दिन

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (ukraine president volodymyr-zelenskyy) ने कहा कि रूस यूरोप की बुनियाद को नष्ट कर देना चाहता है. वहीं, जर्मनी का मानना है कि,यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले को अगर न रोका गया तो दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे. दूसरी तरफ चीन का कहना है कि उसके और रूस के बीच सहयोग की कोई सीमा नहीं है. इन सबके बीच यूक्रेन के पूर्व में रूसी सेना की गतिविधि में तेजी आई है. वहीं, रूस के कीव से पीछे हटने के दावे पर पश्चिमी देशों को अब भी संदेह है.

वॉर
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Published : Mar 31, 2022, 7:33 AM IST

कीव : रूस और यूक्रेन के बीच जंग का (russia ukraine war 36th day) आज 36वां दिन है. वैसे दोनों देशों के बीच शांति वार्ता हुई है लेकिन कई देशों को रूस पर भरोसा नहीं है. इस बीत यूक्रेन की सेना ने कहा कि उसके देश के पूर्वी हिस्से में रूसी सेना ने अपनी गतिविधि तेज कर दी है. यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि रूस ने खारकीव के दक्षिण में इजयूम के पास अपनी सैन्य गतिविधि बढ़ा दी है. यह भी कहा गया कि पूर्वी दोनेस्क इलाके में रूसी बलों ने बमबारी और हमले तेज कर दिये हैं. जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नार्वे की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि रूस यूरोप की बुनियाद को नष्ट कर देना चाहता है. इधर, जेलेंस्की ने बाइडेन प्रशासन और अन्य पश्चिमी देशों से यूक्रेन को सैन्य लड़ाकू विमान प्रदान करने का आग्रह किया है. हालांकि, अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के अन्य देश अब तक उस अनुरोध को स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि इससे युद्ध का दायरा और फैल सकता है.

नार्वे की 169 सदस्यीय संसद स्टॉर्टिनजेट को लाइव वीडियो के जरिये संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि यूरोप का भविष्य अब निर्धारित किया जा रहा है. यूक्रेन में रूसी सैन्य गतिविधियों के बारे में बोलते हुए जेलेंस्की ने कहा कि रूस के लिए यहां कोई प्रतिबंधित लक्ष्य नहीं है. विभिन्न देशों की संसद को संबोधित करने के क्रम में जेलेंस्की ने यूक्रेन के सांसदों को संबोधित किया. इसके पहले वह अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन, जर्मनी, कनाडा, इजरायल, जापान और यूरोपीय संघ को संबोधित कर चुके हैं.

रूस के साथ सहयोग की कोई सीमा नहीं: चीन

यूक्रेन युद्ध के बीच बीजिंग का दौरा करने वाले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मेजबानी करते हुए, चीन ने बुधवार को कहा कि दोनों सहयोगियों के बीच सहयोग की कोई सीमा नहीं है. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ की खबर के अनुसार अफगानिस्तान पर विदेश मंत्रियों की तीसरी बैठक के लिए लावरोव पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत के टुनक्सी पहुंचे. चीन-रूस संबंधों की सीमाओं का वर्णन करने के लिए पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, चीन-रूस सहयोग की कोई सीमा नहीं है, हमारे लिए शांति के लिए प्रयास करने की कोई सीमा नहीं है, हमारे लिए सुरक्षा की कोई सीमा नहीं है और हमारे लिए आधिपत्य का विरोध करने के लिए कोई सीमा नहीं है. तुर्की के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच हाल के दौर की बातचीत पर टिप्पणी करते हुए वेनबिन ने दोनों पक्षों द्वारा प्रदर्शित सकारात्मक संकेतों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, हमारा हमेशा से मानना रहा है कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिए बातचीत ही एकमात्र सही तरीका है.

यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले को अगर न रोका गया तो दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे

जर्मनी के सुरक्षा एवं विदेश नीति सलाहकार जेन्स प्लॉटनर ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन के खिलाफ चल रहे रूस क हमले को अगर नहीं रोका गया तो दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.प्लॉटनर ने यह भी कहा कि जर्मनी नई दिल्ली की बाधाओं और चुनौतियों को समझता है. उन्होंने कहा कि यूरोप को यूक्रेन संकट पर अपने रुख को लेकर देश को प्रवचन देने या सिखाने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि विश्व को रूस के यूक्रेन पर हमले के भू-राजनीतिक नतीजों को समझना चाहिए और अगर इसे नहीं रोका गया तो इसके दुनिया के लिए बड़े परिणाम होंगे. जर्मन अधिकारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ वार्ता करने से कुछ घंटे पहले मीडिया से बातचीत में यह टिप्पणी की.

पढ़ें : जंग के बीच रूस ने दिए नरमी के संकेत, पश्चिमी देशों को अब भी संदेह

अमेरिका ने यूक्रेन को 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देने की घोषणा की

जंग के बीच अमेरिका ने रूसी सेना के हमलों का सामना कर रहे यूक्रेन को 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देने की घोषणा की है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बुधवार को 55 मिनट तक फोन पर बातचीत की. इस दौरान बाइडन ने उनसे कहा कि (यूक्रेन को) अतिरिक्त मदद जल्द पहुंचायी जाएगी. व्हाइट हाउस के अनुसार, दोनों नेताओं ने यूक्रेन को पहले से दी जा रही सुरक्षा सहायता और हालात के बारे में चर्चा की.

बता दें कि, युद्ध सामप्त करने के मकसद से यूक्रेन और रूस के बीच नये दौर की वार्ता हुई थी. रूस ने कहा था कि वह यूक्रेन की राजधानी के आसपास सैन्य अभियान में कटौती करेगा. रूस द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन पर शुरू किए गए हमले के बाद पहली बार है, जब रूस ने कुछ नरमी के संकेत दिए हैं. वहीं, रूस के कीव से पीछे हटने के दावे पर पश्चिमी देशों को अब भी संदेह है.

कीव : रूस और यूक्रेन के बीच जंग का (russia ukraine war 36th day) आज 36वां दिन है. वैसे दोनों देशों के बीच शांति वार्ता हुई है लेकिन कई देशों को रूस पर भरोसा नहीं है. इस बीत यूक्रेन की सेना ने कहा कि उसके देश के पूर्वी हिस्से में रूसी सेना ने अपनी गतिविधि तेज कर दी है. यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि रूस ने खारकीव के दक्षिण में इजयूम के पास अपनी सैन्य गतिविधि बढ़ा दी है. यह भी कहा गया कि पूर्वी दोनेस्क इलाके में रूसी बलों ने बमबारी और हमले तेज कर दिये हैं. जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नार्वे की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि रूस यूरोप की बुनियाद को नष्ट कर देना चाहता है. इधर, जेलेंस्की ने बाइडेन प्रशासन और अन्य पश्चिमी देशों से यूक्रेन को सैन्य लड़ाकू विमान प्रदान करने का आग्रह किया है. हालांकि, अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के अन्य देश अब तक उस अनुरोध को स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि इससे युद्ध का दायरा और फैल सकता है.

नार्वे की 169 सदस्यीय संसद स्टॉर्टिनजेट को लाइव वीडियो के जरिये संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि यूरोप का भविष्य अब निर्धारित किया जा रहा है. यूक्रेन में रूसी सैन्य गतिविधियों के बारे में बोलते हुए जेलेंस्की ने कहा कि रूस के लिए यहां कोई प्रतिबंधित लक्ष्य नहीं है. विभिन्न देशों की संसद को संबोधित करने के क्रम में जेलेंस्की ने यूक्रेन के सांसदों को संबोधित किया. इसके पहले वह अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन, जर्मनी, कनाडा, इजरायल, जापान और यूरोपीय संघ को संबोधित कर चुके हैं.

रूस के साथ सहयोग की कोई सीमा नहीं: चीन

यूक्रेन युद्ध के बीच बीजिंग का दौरा करने वाले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मेजबानी करते हुए, चीन ने बुधवार को कहा कि दोनों सहयोगियों के बीच सहयोग की कोई सीमा नहीं है. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ की खबर के अनुसार अफगानिस्तान पर विदेश मंत्रियों की तीसरी बैठक के लिए लावरोव पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत के टुनक्सी पहुंचे. चीन-रूस संबंधों की सीमाओं का वर्णन करने के लिए पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, चीन-रूस सहयोग की कोई सीमा नहीं है, हमारे लिए शांति के लिए प्रयास करने की कोई सीमा नहीं है, हमारे लिए सुरक्षा की कोई सीमा नहीं है और हमारे लिए आधिपत्य का विरोध करने के लिए कोई सीमा नहीं है. तुर्की के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच हाल के दौर की बातचीत पर टिप्पणी करते हुए वेनबिन ने दोनों पक्षों द्वारा प्रदर्शित सकारात्मक संकेतों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, हमारा हमेशा से मानना रहा है कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिए बातचीत ही एकमात्र सही तरीका है.

यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले को अगर न रोका गया तो दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे

जर्मनी के सुरक्षा एवं विदेश नीति सलाहकार जेन्स प्लॉटनर ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन के खिलाफ चल रहे रूस क हमले को अगर नहीं रोका गया तो दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.प्लॉटनर ने यह भी कहा कि जर्मनी नई दिल्ली की बाधाओं और चुनौतियों को समझता है. उन्होंने कहा कि यूरोप को यूक्रेन संकट पर अपने रुख को लेकर देश को प्रवचन देने या सिखाने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि विश्व को रूस के यूक्रेन पर हमले के भू-राजनीतिक नतीजों को समझना चाहिए और अगर इसे नहीं रोका गया तो इसके दुनिया के लिए बड़े परिणाम होंगे. जर्मन अधिकारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ वार्ता करने से कुछ घंटे पहले मीडिया से बातचीत में यह टिप्पणी की.

पढ़ें : जंग के बीच रूस ने दिए नरमी के संकेत, पश्चिमी देशों को अब भी संदेह

अमेरिका ने यूक्रेन को 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देने की घोषणा की

जंग के बीच अमेरिका ने रूसी सेना के हमलों का सामना कर रहे यूक्रेन को 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देने की घोषणा की है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बुधवार को 55 मिनट तक फोन पर बातचीत की. इस दौरान बाइडन ने उनसे कहा कि (यूक्रेन को) अतिरिक्त मदद जल्द पहुंचायी जाएगी. व्हाइट हाउस के अनुसार, दोनों नेताओं ने यूक्रेन को पहले से दी जा रही सुरक्षा सहायता और हालात के बारे में चर्चा की.

बता दें कि, युद्ध सामप्त करने के मकसद से यूक्रेन और रूस के बीच नये दौर की वार्ता हुई थी. रूस ने कहा था कि वह यूक्रेन की राजधानी के आसपास सैन्य अभियान में कटौती करेगा. रूस द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन पर शुरू किए गए हमले के बाद पहली बार है, जब रूस ने कुछ नरमी के संकेत दिए हैं. वहीं, रूस के कीव से पीछे हटने के दावे पर पश्चिमी देशों को अब भी संदेह है.

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