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किसान आंदोलन को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कही बड़ी बात, जानें

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Published : Feb 26, 2021, 10:41 PM IST

एकलव्य फाउंडेशन के जैविक खेती परिवार संघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि किसानों को संगठन की जरूरत है, न कि आंदोलन की. हालांकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो किसान आंदोलन जारी है, वह उसका विरोध नहीं करते हैं.

मोहन भागवत
मोहन भागवत

हैदराबाद : मोहन भागवत तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के गुड़ीहाटनुर मंडल में एकलव्य फाउंडेशन के जैविक खेती परिवार संघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद किसानों को संबोधित किया.

इस दौरान आरएसएस प्रमुख ने कहा कि वह किसानों के आंदोलन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन किसानों की चिंता करने के लिए भी कोई संगठन होना चाहिए. आंदोलन की जरूरत से ज्यादा संगठन की जरूरत है.

मोहन भागवत का बयान

उन्होंने कहा कि किसानों के पास अपनी खेती करने की शक्ति है और वे अपनी खेती खुद करके अपना मालिक बनकर रह सकता है. किसान की दूसरी ताकत यह है कि उसके पास खुद का अपना गांव है. इस गांव में सब लोगों को मिल कर रहना चाहिए और सभी किसानों को जैविक खेती करनी चाहिए.

भागवता ने आगे कहा कि किसानों के अपने संगठन चाहिए, जो किसानों की चिंता कर सकें. आंदोलन के लिए अन्य किसान संगठन हैं. मुझे उससे आपत्ति नहीं है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि जैविक खेती करने से हर किसान के लिए स्वर्ण युग आएगा.

पढ़ें - किसान आंदोलन : तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग, कांग्रेस ने निकाला मार्च

इस कार्यक्रम में आदिलाबाद के एक हजारों किसानों ने भाग लिया. इस दौरान कई किसानों ने अपने अनुभव साझा किए.

हैदराबाद : मोहन भागवत तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के गुड़ीहाटनुर मंडल में एकलव्य फाउंडेशन के जैविक खेती परिवार संघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद किसानों को संबोधित किया.

इस दौरान आरएसएस प्रमुख ने कहा कि वह किसानों के आंदोलन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन किसानों की चिंता करने के लिए भी कोई संगठन होना चाहिए. आंदोलन की जरूरत से ज्यादा संगठन की जरूरत है.

मोहन भागवत का बयान

उन्होंने कहा कि किसानों के पास अपनी खेती करने की शक्ति है और वे अपनी खेती खुद करके अपना मालिक बनकर रह सकता है. किसान की दूसरी ताकत यह है कि उसके पास खुद का अपना गांव है. इस गांव में सब लोगों को मिल कर रहना चाहिए और सभी किसानों को जैविक खेती करनी चाहिए.

भागवता ने आगे कहा कि किसानों के अपने संगठन चाहिए, जो किसानों की चिंता कर सकें. आंदोलन के लिए अन्य किसान संगठन हैं. मुझे उससे आपत्ति नहीं है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि जैविक खेती करने से हर किसान के लिए स्वर्ण युग आएगा.

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इस कार्यक्रम में आदिलाबाद के एक हजारों किसानों ने भाग लिया. इस दौरान कई किसानों ने अपने अनुभव साझा किए.

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