नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं झारखंड कांग्रेस के प्रभारी रहे आरपीएन सिंह (RPN Singh) ने भाजपा में शामिल होने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के कामकाज से प्रभावित होकर वह भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि देश में तेजी से विकास हो रहा है. जिसमें वह योगदान देना चाहता हैं. वह बिना किसी शर्त के बीजेपी में आया हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी काम देगी, उसको पूरी मेहनत और ईमानदारी से करूंगा. यूपी में बीजेपी की लहर है. प्रचंड बहुमत के साथ फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी. 300 से ज्यादा सीट बीजेपी यूपी में जीतेगी. पार्टी कहेगी तो विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
वहीं, झारखंड के 8-9 विधायक आरपीएन के संपर्क में हैं. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि झारखंड कांग्रेस के कितने विधायक मेरे संपर्क में हैं इस पर अभी मैं भी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा.
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए पूर्व सांसस आरपीएन सिंह में मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए. वह स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पडरौना से विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. आरपीएन सिंह कुर्मी समुदाय से आते हैं. भाजपा उनके जरिये यूपी में कुर्मी समुदाय को साधने की कोशिश कर सकती है.
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आरपीएन कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज थे. पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव में उनको कोई बड़ी जिम्मेदारी भी नहीं दी थी. सोमवार को ही यूपी चुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में कांग्रेस ने उनको शामिल किया था. वह राज्यसभा की सीट चाहते थे जो कांग्रेस ने नहीं दिया. वहीं, झारखंड कांग्रेस के प्रभारी रहे आरपीएन के साथ झारखंड कांग्रेस के 18 में से 8-9 विधायक उनके संपर्क में बताए जा रहे हैं. बड़ा सवाल यह है कि आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने से क्या झारखंड की हेमंत सरकार खतरे में आ गई है.
झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की सरकार है. आरपीएन सिंह के BJP में आने से झारखंड कांग्रेस संगठन में भी घमासान मच सकता है. प्रदेश के सीनियर नेताओं की नाराजगी के बावजूद आरपीएन सिंह ने राजेश ठाकुर को झारखंड कांग्रेस का अध्यक्ष बनवाया. अब क्या सीनियर नेता राजेश ठाकुर को ठीक से काम करने देंगे? यह देखने वाली बात होगी.
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