कोलकाता : कोलकाता पुलिस की प्रवर्तन शाखा (ईबी) ने करोड़ों रुपये की चिट फंड इकाई रोज वैली ग्रुप के प्रमुख गौतम कुंडू के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) गबन का एक नया मामला शुरू किया है. शहर के पुलिस सूत्रों ने कहा कि ताजा मामला 2014 में रोज वैली ग्रुप कंपनी के कर्मचारियों द्वारा दायर एक शिकायत पर शुरू हुआ. इन कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि भविष्य निधि राशि के माध्यम से हर महीने उनके वेतन से कटौती की जाती थी, जिसे कभी भी भविष्य निधि के कार्यालय में जमा नहीं किया जाता था. कुंडू न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था, जो पश्चिम बंगाल में सक्रिय कई चिटफंड संस्थाओं के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के साथ समानांतर जांच कर रहा था, जिनमें से प्रमुख थे रोज वैली ग्रुप और सारदा समूह.
शहर पुलिस सूत्रों ने कहा कि ईबी पुलिस पहले ही सुधार गृह परिसर में एक बार कुंडू से पूछताछ कर चुकी है. पूछताछ के दौरान उसने समूह कंपनी के कुछ शीर्ष कर्मचारियों की ओर उंगली उठाई है जो उस समूह इकाई के खातों को संभालते थे. शहर पुलिस ने अब कुंडू द्वारा नामित उन कर्मचारियों को एक के बाद एक बुलाने और मामले में उनसे पूछताछ करने का फैसला किया है. पिछले महीने ही ईडी ने रोज़ वैली घोटाले में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें समूह की 35 कंपनियों का नाम लिया गया था.
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आरोप पत्र में कुंडू की पत्नी सुभरा कुंडू का भी नाम था, जिन्हें इस मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. ईडी के अनुमान के मुताबिक, रोज वैली घोटाले में कुल फंड गबन लगभग 17,000 करोड़ रुपये है. राज्य में 34 साल के वाम मोर्चा शासन को समाप्त करने वाली ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली और तृणमूल कांग्रेस द्वारा संचालित सरकार के सत्ता में आने के एक साल बाद 2012 में राज्य विभिन्न चिट फंड संस्थाओं में घोटालों की बात सामने आने से हिल गया था. इस सिलसिले में केंद्रीय एजेंसियों ने सुदीप बंदोपाध्याय, मदन मित्रा और दिवंगत तापस पाल जैसे सांसदों और विधायकों सहित तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को भी गिरफ्तार किया था.
(आईएएनएस)