चेन्नई: तमिलनाडु में खौफ का पर्याय बन चुका बाघ टी23 की तलाश में जुटे वन विभाग ने मंगलवार को बताया कि बाघ टी23 को कैमरे की मदद से देखा गया है. पिछले कई दिनों से वन अधिकारी और विशेष टीमें बाघ के लिए जंगलों में तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं.
मंगलवार को वन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि बोस्पारा क्षेत्र में बाघ टी23 की तलाश जारी है. ऐसे में इलाके के लोगों को काम पर न जाने की सलाह दी गई है. इस बारे में तमिलनाडु के मुख्य वन्यजीव वार्डन (Tamil Nadu Chief Wildlife Warden) शेखर कुमार नीरज (Shekhar Kumar Niraj ने बयान जारी करते हुए कहा कि छह दिनों के अंतराल के बाद ओम्बेटा जंक्शन के पास बाघ टी23 को कैमरे में कैद किया गया है. उन्होंने कहा कि बाघ की खोज में जुटे एक दल कुंडीथल कैंप से ओमबेटा जंक्शन गया.
उन्होंने आगे कहा कि एक अन्य दल चिन्नाकल्ली से ओम्बेट्टा गया है. इसके अलावा मुदुमलाई के कर्मचारी लिंगनगल्ली से बोस्पारा गए. वहीं, डेवन एस्टेट और मेफील्ड एस्टेट इलाकों में भी तलाशी अभियान चलाया गया है.
शेखर कुमार नीरज ने आगे कहा कि सभी गुटों ने बोस्पारा में तलाशी अभियान जारी रखा है. इस बीच सर्च ऑपरेशन के लिए केरल से भी एक टीम आई है. उन्होंने कहा कि इस टीम ने एक झाड़ी में बाघ टी23 को देखा और निशाना भी लगाया, लेकिन घनी झाड़ियों के चलते निशाना चूक गया. उन्होंने कहा कि आज लगभग 30 कर्मचारी इस ऑपरेशन में शामिल हुए थे. बुधवार सुबह कैमरा के साथ ऑपरेशन फिर से शुरू होगा.
जानकारी मिली है कि बाघ टी23 ने नीलगिरी जिले में कम से कम चार लोगों को मार डाला था. मसीनाकुडी जंगल में बाघ के शिकार अभियान में सौ से अधिक वनकर्मी, चार पशु चिकित्सा दल, दो कुमकी हाथी, तीन खोजी कुत्ते, जंगल में 65 कैमरे और ड्रोन कैमरे लगे हुए हैं.