हैदराबादः भारत सहित दुनिया भर में तेजी से बेहतरीन सड़कें विकसित हो रही हैं. आधुनिक सुरक्षात्मक उपायों से लैस वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं. दूसरी ओर सड़क सुरक्षा के लिए कठोर कानूनी प्रावधान के बाद भी सड़कें सुरक्षित नहीं हैं. भारत में हर घंटो 53 हादसे होते हैं, जिसमें 19 मौतें होती हैं. इन मौतों में सबसे बड़ा आंकड़ा सड़क हादसे के एक घंटे के भीतर (गोल्डन ऑवर) में घायलों को मेडिकल की सुविधा नहीं मिल पाना मुख्य कारण है.
ज्यादातर हादसे के बाद घायलों को मदद करने वाले पुलिसिया व कानूनी पचरे में फंसना नहीं चाहते हैं. सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए हर साल भारत सरकार, पुलिस विभाग व अन्य एनजीओ की ओर से नियमित तौर पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. सर्दियों के मौसम में सामान्य दिनों के अनुपात में सड़क हादसे के मामले बढ़ जाते हैं. इसी को ध्यान में रखकर जनवरी के दूसरे सप्ताह में 11 से 17 जनवरी को सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है.
-
Follow these easy driving tips. Don't let the weather be an obstacle in your journey.#SteerWithSafety pic.twitter.com/pOn1MeVAls
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 10, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Follow these easy driving tips. Don't let the weather be an obstacle in your journey.#SteerWithSafety pic.twitter.com/pOn1MeVAls
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 10, 2024Follow these easy driving tips. Don't let the weather be an obstacle in your journey.#SteerWithSafety pic.twitter.com/pOn1MeVAls
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 10, 2024
2022 में 168491 लोग सड़क हादसे में मारे गये
सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय (MORTH) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 2018-2022 तक 777423 लोग सड़क हादसे में मारे गये. औसतन हर साल 155484.5 सड़क हादसे में मारे जाते हैं. वहीं इस औसत के आधार पर 2023 के हादसे को अगर जोड़ दें तो 6 साल में सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या 932907 है.
- 2022 168491
- 2021 153972
- 2020 138383
- 2019 158984
- 2018 157593
-
Areas are restricted for a reason, and one needs to obey that. Don't enter the area demarcated as No Entry.#KnowYourSigns pic.twitter.com/V4zJZhzRpV
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 10, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Areas are restricted for a reason, and one needs to obey that. Don't enter the area demarcated as No Entry.#KnowYourSigns pic.twitter.com/V4zJZhzRpV
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 10, 2024Areas are restricted for a reason, and one needs to obey that. Don't enter the area demarcated as No Entry.#KnowYourSigns pic.twitter.com/V4zJZhzRpV
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 10, 2024
लापरवाही के कारण सड़क हादसे के दौरान मौतें (NCRB)
- 2022 150998
- 2021 137430
- 2020 120176
-
#SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/B5RO3ywW2v
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 9, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/B5RO3ywW2v
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 9, 2024#SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/B5RO3ywW2v
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 9, 2024
हिट एंड रन केस के मामले
भारत सरकार की ओर से सड़कों को ज्यादा सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से 2023 में कानूनी संशोधन किया गया था. इसमें हादसे के लिए जिम्मेदार वाहन चालकों के कठोर कानूनी प्रावधान किया गया है. इसके तहत हादसे के बाद घायलों को नजदीकि अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराना अनिवार्य किया गया है. साथ ही हिट एंड रन के मामलो को लेकर भारी आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है. वहीं हाल में इस कानून के विरोध में देशव्यापी चक्का जाम के बाद इसके लागू होने पर संशय है. NCRB के ताजा डेटा के अनुसार बीते 3 साल में हिट एंड रन केस के ये मामले सामने आये हैं.
-
#SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/wMtOKyd3l2
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 8, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/wMtOKyd3l2
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 8, 2024#SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/wMtOKyd3l2
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 8, 2024
- 2022 47806
- 2021 43499
- 2020 41196
भारत में सड़क हादसों की संख्या (MORTH)
- 2022 461312
- 2021 412432
- 2020 372181
- 2019 456959
- 2018 470403
सड़क हादसे में घायल (MORTH)
- 2022 443366
- 2021 384448
- 2020 346747
- 2019 449360
- 2018 464715
-
#SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/wMtOKyd3l2
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 8, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/wMtOKyd3l2
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 8, 2024#SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/wMtOKyd3l2
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 8, 2024
सड़क हादसे के पीछे मुख्य कारण
- वाहन चलाते से ध्यान केंद्रित न होना.
- बीमारी/ थकावट की अनदेखी कर वाहन चलाना
- वाहन का स्थिति सही नहीं होना.
- मानक के अनुरूप सड़कों का देखभाल नहीं होना.
- यातायात नियमों का पालन नहीं करना.
- वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करना
- नशा कर गाड़ी चलाना
- मौसम को लेकर जारी अलर्ट का ध्यान नहीं रखना.
-
#SadakSurakshaJeevanRaksha#MySafetyMoves pic.twitter.com/W9R6SStfg7
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 8, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#SadakSurakshaJeevanRaksha#MySafetyMoves pic.twitter.com/W9R6SStfg7
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 8, 2024#SadakSurakshaJeevanRaksha#MySafetyMoves pic.twitter.com/W9R6SStfg7
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 8, 2024
भारत में 66.71 लाख किलोमीटर का है रोड नेटवर्क
सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी 5 जनवरी 2024 को जारी वर्ष समाप्ति समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2023 तक देश में एनएच की लंबाई 146145 किलोमीटर है. इसमें फोर लेन या फोर लेन प्लस एनएच की लंबाई 46179 किलोमीटर है.
-
Be responsible. Else, you may be fined. Be an accountable citizen, follow traffic rules on road.#SayYesToSatarkta pic.twitter.com/gnx3ln8shH
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 7, 2024 " '="" class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Be responsible. Else, you may be fined. Be an accountable citizen, follow traffic rules on road.#SayYesToSatarkta pic.twitter.com/gnx3ln8shH
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 7, 2024Be responsible. Else, you may be fined. Be an accountable citizen, follow traffic rules on road.#SayYesToSatarkta pic.twitter.com/gnx3ln8shH
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) January 7, 2024
- भारत में रोड नेटवर्क 66.71 लाख किलोमीटर
- राष्ट्रीय राजमार्ग 146145 किलोमीटर
- राज्य राजमार्ग 179535 किलोमीटर
- अन्य सड़कें 6345403 किलोमीटर