बेगूसराय : बिहार में बेगूसराय के रहने वाले इंजीनियरिंग के छात्र ऋतुराज ( Rituraj Engineering Student) ने दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल में गलती खोज निकाली है. इसके बाद गूगल ने भी छात्र के द्वारा खोजी गई गलती (Mistake in the Search Engine Google) को स्वीकार करते हुए उसे अपनी रिसर्च टीम में शामिल कर लिया है. बेगूसराय जिले के मुंगेरी गंज निवासी राकेश चौधरी के पुत्र ऋतुराज मणिपुर में इंजीनियरिंग के बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र हैं. गूगल ने उनका नाम अपने रिसर्चर की सूची में डालते हुए उन्हें गूगल हॉल ऑफ फेम अवार्ड से नवाजा है.
ऋतुराज बीटेक में पढ़ाई के अलावा साइबर सिक्योरिटी विषय पर अलग से शोध भी कर रहे हैं. ऋतुराज ने बताया कि वे बचपन से ही बड़ा हैकर बनने का सपना लेकर पढ़ाई कर रहे थे. इसके पहले भी वे कई कंपनियों की साइट में गलतियां ढूंढ चुके थे और गूगल में गलतियां खोजने का लगातार प्रयास कर रहे थे. कुछ दिन पहले उन्हें गूगल में एक बड़ी गलती नजर आई जिसके बाद उन्होंने गूगल को मेल कर इसकी जानकारी दी. सूचना के एक दिन के बाद गूगल ने भी मेल कर उन्हें जानकारी दी कि उनके साइट में खोजी गई गलती सही है और उन्हें रिसर्च टीम में शामिल कर लिया गया है. बताया दें कि गूगल अपने साइट में गलती ढूंढने वालों को इनाम भी देती है.
गूगल में गलती ढूंढने पर ऋतुराज को 31 हजार डॉलर से अधिक का इनाम मिलेगा. फिलहाल उनकी बग हंटिंग पी-2 के फेज में है. जैसे ही वह पी-0 पर पहुंचेगे, उन्हें इनाम की राशि मिल जाएगी. ऋतुराज के माता-पिता राकेश कुमार चौधरी और सुनीता जायसवाल इस खबर से गौरवान्वित हैं. ऋतुराज बताते हैं कि गूगल पर ब्लैक हैट हैकर्स एक रास्ते से हमला कर सकते थे. उन्होंने उसे ढ़ूंढ कर गूगल को रिपोर्ट किया था. इसके बाद कंपनी उसमें सुधार कर रही है जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है. ऋतुराज ने यह भी बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें साइबर सिक्योरिटी में दिलचस्पी थी. शहर के सेंट जोसेफ पब्लिक स्कूल से दशम वर्ग की परीक्षा पास करने के बाद वह कोटा चले गए थे और वहीं से 10 प्लस टू किया. अभी वे आइआइटी मणिपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त वे साइबर सिक्योरिटी कोर्स भी कर रहे हैं.
साइबर सिक्योरिटी को लेकर इंटरनेट के माध्यम से चलने वाले तमाम कार्यों, साइट्स, एप्स आदि की सुरक्षा में अक्सर ब्लैक हैट हैकर्स सेंधमारी करते हैं. कई बार वे बड़ी कंपनियों का डेटा चुराकर उसे सार्वजनिक कर देते हैं. ऐसे में कंपनियां एथिकल हैकर्स को अपनी साइट में बग हंटिंग के लिए आमंत्रित करती है. जो भी हैकर उनकी साइट में गलती खोजता है उसे लाखों रुपये का इनाम दिया जाता है.
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