ETV Bharat / bharat

असम के एनआरसी डेटा को अद्यतन करने के दौरान छेड़छाड़ का खतरा: कैग की रिपोर्ट - नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने नागरिकता दस्तावेज को अद्यतन करने की प्रक्रिया के दौरान डेटा के साथ छेड़छाड़ के खतरे को लेकर असम की राष्ट्रीय नागरिकता पंजी को आगाह किया है.

comptroller and auditor general
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
author img

By

Published : Dec 25, 2022, 5:16 PM IST

गुवाहाटी: नागरिकता दस्तावेज को अद्यतन करने की प्रक्रिया के दौरान डेटा एकत्रीकरण और इसमें सुधार करने से संबंधित सॉफ्टवेयर उपयुक्त रूप से विकसित नहीं कर पाने के कारण भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने असम की राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) में डेटा से छेड़छाड़ के खतरे के प्रति आगाह किया है.

कैग के मुताबिक, एनआरसी को अद्यतन करने की प्रक्रिया के लिए एक बेहद सुरक्षित और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर विकसित करने की आवश्यकता थी, लेकिन ऑडिट के दौरान इस संबंध में उपयुक्त योजना नहीं होने की बात सामने आई. असम के लिए अद्यतन अंतिम एनआरसी 31 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था, जिसमें 3,30,27,661 आवेदकों में से कुल 3,11,21,004 नाम शामिल थे. हालांकि, इसे अधिसूचित किया जाना बाकी है.

पढ़ें: कर्नाटक: मंगलुरु में शख्स की चाकू मारकर हत्या होने से तनाव बढ़ा, धारा 144 लागू

कैग ने शनिवार को असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन 2020 में समाप्त वर्ष के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि 215 सॉफ्टवेयर यूटिलिटी को बेतरतीब तरीके से मूल सॉफ्टवेयर में जोड़ा गया था. रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह साफ्टवेयर विकसित करने की वाजिब प्रक्रिया का पालन किये बगैर या एक राष्ट्रीय निविदा प्रक्रिया के बाद पात्रता आकलन के जरिये विक्रेता का चयन किये बिना किया गया.' कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि लेखा परीक्षा से एनआरसी डेटा की सत्यता के लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती थी.

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी: नागरिकता दस्तावेज को अद्यतन करने की प्रक्रिया के दौरान डेटा एकत्रीकरण और इसमें सुधार करने से संबंधित सॉफ्टवेयर उपयुक्त रूप से विकसित नहीं कर पाने के कारण भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने असम की राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) में डेटा से छेड़छाड़ के खतरे के प्रति आगाह किया है.

कैग के मुताबिक, एनआरसी को अद्यतन करने की प्रक्रिया के लिए एक बेहद सुरक्षित और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर विकसित करने की आवश्यकता थी, लेकिन ऑडिट के दौरान इस संबंध में उपयुक्त योजना नहीं होने की बात सामने आई. असम के लिए अद्यतन अंतिम एनआरसी 31 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था, जिसमें 3,30,27,661 आवेदकों में से कुल 3,11,21,004 नाम शामिल थे. हालांकि, इसे अधिसूचित किया जाना बाकी है.

पढ़ें: कर्नाटक: मंगलुरु में शख्स की चाकू मारकर हत्या होने से तनाव बढ़ा, धारा 144 लागू

कैग ने शनिवार को असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन 2020 में समाप्त वर्ष के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि 215 सॉफ्टवेयर यूटिलिटी को बेतरतीब तरीके से मूल सॉफ्टवेयर में जोड़ा गया था. रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह साफ्टवेयर विकसित करने की वाजिब प्रक्रिया का पालन किये बगैर या एक राष्ट्रीय निविदा प्रक्रिया के बाद पात्रता आकलन के जरिये विक्रेता का चयन किये बिना किया गया.' कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि लेखा परीक्षा से एनआरसी डेटा की सत्यता के लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती थी.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.