श्रीनगर: देश में ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर में भी बढ़ती बेरोजगारी शिक्षित युवाओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है. युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और रोजगार मुहैया कराने के राज्य सरकार के तमाम दावों के बावजूद इस क्षेत्र में बेरोजगारी दर देश में तीसरे नंबर पर है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के नवंबर 2022 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो जम्मू-कश्मीर में औसत बेरोजगारी दर 20-25 फीसदी है, जो देश में तीसरी सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर है.
सीएमआईई देश भर में बेरोजगारी दर पर आंकड़े जारी करता है. जम्मू-कश्मीर में 2022 के मासिक आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी में बेरोजगारी दर 15.2 फीसदी थी, जो अगस्त महीने में 32.8 फीसदी पर पहुंच गई. राज्य में बढ़ती बेरोजगारी का कारण भर्ती परीक्षाओं का रद्द होना, आयोजन में देरी और परिणाम जारी करने में देरी है.
जम्मू-कश्मीर में निजी क्षेत्र में लगभग कोई रोजगार नहीं है. ऐसे में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी ही एक मात्र विकल्प है. ऐसे में भर्ती परीक्षाओं के आयोजन में हो रही देरी से बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी हो रही है. जम्मू और कश्मीर की तुलना में हरियाणा और राजस्थान में बेरोजगारी दर अधिक है. हरियाणा देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर वाला राज्य है, जिसके बाद राजस्थान है.
इस बीच, जम्मू और कश्मीर रोजगार विभाग ने जम्मू-कश्मीर कैरियर पोर्टल (JKECP) को राष्ट्रीय कैरियर सेवा (NCS) पोर्टल के साथ एकीकृत कर दिया है. इस पोर्टल पर अब तक प्रदेश के 61 हजार युवाओं ने नौकरी के लिए आवेदन किया है. निजी क्षेत्र की रोजगार कंपनियों में रिक्तियों की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है. सरकार ने निजी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए कई पहल शुरू की हैं. मिशन यूथ के तहत कई स्वरोजगार योजनाएं शुरू की गई हैं. इसके परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे.
2021 और 2022 में प्रति माह बेरोजगारी दर
माह - 2021 - 2022
जनवरी - 21.9 - 15.2
फरवरी - 14.2 - 13.2
मार्च - 9.5 - 25
अप्रैल - 11.4 - 15.6
मई - 11.9 - 18.3
जून - 10.6 - 17.2
जुलाई - 15.4 - 20.2
अगस्त - 13.6 - 32.8
सितंबर - 21.4 - 23.2
अक्टूबर - 22.2 - 22.4
नवंबर - 21.2 - 23.9
दिसम्बर -15 -