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उत्तराखंड में ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे ब्लॉक, मलबा हटाने का काम जारी

उत्तराखंड में ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे (Rishikesh Gangotri Highway in Uttarakhand), भूल्खलन के कारण पिछले 35 घंटे से बंद है. नेशनल हाईवे-94 को खोलने के काम जारी है लेकिन पहाड़ी से लगातार गिर रहे मलबे के कारण मार्ग खोलने में काफी परेशानी हो रही है.

Rishikesh
उत्तराखंड
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Published : Apr 9, 2022, 4:35 PM IST

टिहरी/धनौल्टी: उत्तराखंड में ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे (Rishikesh Gangotri Highway in Uttarakhand) मलबा आने के कारण रमोलधार के पास बीते 35 घंटे से से बंद है. मार्ग पर यात्री वाहनों के साथ-साथ आवश्यक सेवाओं जैसे पेट्रोल-डीजल के वाहन और एम्बुलेंस भी फंसे हैं. मार्ग खोलने का कार्य जारी है लेकिन पहाड़ी से लगातार गिर रहे मलबे के कारण मार्ग परेशानी उठानी पड़ रही है.

बता दें, एनएच 94 बॉर्डर रोड होने के कारण बेहद ही महत्वपूर्ण है. हालांकि, प्रशासन के द्वारा लोगों को वैकल्पिक मार्ग चम्बा-जाख-डोबरा पुल, धरासू बैंड से उत्तरकाशी व चम्बा-जाख-डोबरा-भल्ड़ियाणा-स्यांसु पुल-धरासू बैंड से उत्तरकाशी के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है. लेकिन इन रूटों से भारी वाहनों व तेल के टैंकरों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही वैकल्पिक मार्ग काफी तंग और संकरा होने के कारण वाहन चालक जाने से कतरा रहे हैं.

35 घंटे बाद भी नहीं खुला ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे.

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड : भगवान रुद्रनाथ मंदिर में तोड़फोड़, टूटे मिले कपाट, चोरी की आशंका

वहीं, कुछ यात्री कंडीसौड़ से मैंडखाल होते हुए गैर नगुण-सुवाखोली के रास्ते लगभग 30 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं, जिसमे काफी समय लगने के साथ अतिरिक्त किराया भी देना पड़ रहा है. तेल टैकरों के चालकों का कहना है कि वाहन में जीपीएस सिस्टम लगे होने के कारण हमें तेल कम्पनियों के द्वारा NH-94 यानि ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे से जाना ही जरूरी निर्देशित किया गया है. अगर हम रूट बदलते हैं, तो कंपनी द्वारा टैंकर वाहन को लॉक कर दिया जाएगा. ऐसे में अगर पम्पों पर तेल सप्लाई रूक गई, तो लोग परेशान होंगे. वहीं, कुछ चालकों का कहना है कि वे कल से फंसे हैं, उनके पास खाने का खर्चा भी खत्म हो चुका है.

टिहरी/धनौल्टी: उत्तराखंड में ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे (Rishikesh Gangotri Highway in Uttarakhand) मलबा आने के कारण रमोलधार के पास बीते 35 घंटे से से बंद है. मार्ग पर यात्री वाहनों के साथ-साथ आवश्यक सेवाओं जैसे पेट्रोल-डीजल के वाहन और एम्बुलेंस भी फंसे हैं. मार्ग खोलने का कार्य जारी है लेकिन पहाड़ी से लगातार गिर रहे मलबे के कारण मार्ग परेशानी उठानी पड़ रही है.

बता दें, एनएच 94 बॉर्डर रोड होने के कारण बेहद ही महत्वपूर्ण है. हालांकि, प्रशासन के द्वारा लोगों को वैकल्पिक मार्ग चम्बा-जाख-डोबरा पुल, धरासू बैंड से उत्तरकाशी व चम्बा-जाख-डोबरा-भल्ड़ियाणा-स्यांसु पुल-धरासू बैंड से उत्तरकाशी के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है. लेकिन इन रूटों से भारी वाहनों व तेल के टैंकरों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही वैकल्पिक मार्ग काफी तंग और संकरा होने के कारण वाहन चालक जाने से कतरा रहे हैं.

35 घंटे बाद भी नहीं खुला ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे.

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वहीं, कुछ यात्री कंडीसौड़ से मैंडखाल होते हुए गैर नगुण-सुवाखोली के रास्ते लगभग 30 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं, जिसमे काफी समय लगने के साथ अतिरिक्त किराया भी देना पड़ रहा है. तेल टैकरों के चालकों का कहना है कि वाहन में जीपीएस सिस्टम लगे होने के कारण हमें तेल कम्पनियों के द्वारा NH-94 यानि ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे से जाना ही जरूरी निर्देशित किया गया है. अगर हम रूट बदलते हैं, तो कंपनी द्वारा टैंकर वाहन को लॉक कर दिया जाएगा. ऐसे में अगर पम्पों पर तेल सप्लाई रूक गई, तो लोग परेशान होंगे. वहीं, कुछ चालकों का कहना है कि वे कल से फंसे हैं, उनके पास खाने का खर्चा भी खत्म हो चुका है.

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