बिलासपुर: फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में ऋचा जोगी पर एफआईआर दर्ज की गई थी. इस केस में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ऋचा जोगी को राहत दी है. ऋचा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें जमानत दे दी.
शुक्रवार को हाईकोर्ट ने की सुनवाई: ऋचा जोगी जाति मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें आग्रिम जमानत ग्रांट की. अब ऋचा जोगी की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी. ऋचा जोगी पर फर्जी जाति मामले में केस दर्ज हुआ था. इसके बाद ऋचा की राजनैतिक करियर को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. अब हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद ऋचा जोगी को इस केस में राहत मिली है.
सरकार पर बदले की कार्रवाई की लगाया था आरोप: फर्जी जाति प्रमाण पत्र केस में ऋचा जोगी ने पहले ही राज्य सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार बदले की भावना से उन्हें फंसाने का काम कर रही है. जैसे उनके ससुर और पति को परेशान किया गया था. वैसे ही उन्हें भी परेशान किया जा रहा है.
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नवंबर 2022 में ऋचा जोगी पर एफआईआर दर्ज हुआ था: ऋचा जोगी पर नवंबर 2022 में फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में एफआईआर दर्ज किया गया था. साल 2020 में मरवाही विधानसभा उपचुनाव के दौरान ऋचा जोगी की जाति को लेकर बखेरा खड़ा हुआ था. उसके बाद उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था. इसकी शिकायत की गई थी कि ऋचा जोगी के पास फर्जी जाति प्रमाण पत्र है. ऋचा जोगी पर आरोप लगाया गया था कि ऋचा रूपाली साधु जोगी ने गैरकानूनी तरीके से अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाया है. उसके बाद साल 2021 में राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने जांच की थी. इसके बाद 23 जून 2021 को छानबीन समिति रिपोर्ट दाखिल किया था.
कौन हैं ऋचा जोगी: ऋचा जोगी छत्तीसगढ़ के पहले सीएम अजीत जोगी की बहू हैं. वह मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी की पत्नी है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में ऋचा जोगी ने बढ़ चढ़कर चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था. उस दौरान वह काफी मुखर रहीं थी. अजीत जोगी के साथ उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में सियासी यात्रा भी की थी.