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पशुओं को लेकर प्यार: घर पर पाले दुर्लभ नस्ल के कुत्ते, बिल्ली और खरगोश - उसे रिटायर हुये 11 साल हो चुके हैं

कर्नाटक के उडुपी के काडेकर का एक पूर्व सैनिक ने विभिन्न प्रजातियों के 13 नस्ल के 15 कुत्तों को पाल रखा है. इसके अलावा उनके घर पर विभिन्न प्रजातियों के खरगोश, बिल्ली और कछुयें हैं. इन सभी के भोजन व दवा पर एक हजार रुपये प्रतिदिन खर्च आता है.

पूर्व सैनिक
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Published : Feb 11, 2021, 3:35 PM IST

कर्नाटक : कुत्ते इंसान को सबसे अधिक प्रिय होते हैं क्योंकि इन्हें सबसे वफादार जानवर कहा जाता है. यही वजह है कि उडुपी के काडेकर का एक पूर्व सैनिक ने विभिन्न प्रजातियों के 13 नस्ल के 15 कुत्तों को पाल रखा है. वह इनकी देखभाल अपने बच्चों की तरह करता है.

सेना से रिटायर होने के बाद नवीन ने अपने शहर वापस आने के बाद कुत्तों को पालना शुरू किया. उसे रिटायर हुये 11 साल हो चुके हैं. नवीन के घर में पाले जाने वाले जानवरों में अब दुर्लभ विदेशी नस्ल के कुत्ते भी शामिल हो गए हैं.

पूर्व सैनिक नवीन के यहां पले जानवर

पढ़ें : हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी के चार साथियों की न्यायिक हिरासत 24 फरवरी तक बढ़ी

इतना ही नहीं उनके घर में कुत्तों के अलावा खरगोश, मछलियों की विभिन्न प्रजातियों को देखा जा सकता है. उनके यहां कुत्तों की रॉटवीलर, अमेरिकन बुली, साइबेरियन हस्की की प्रजातियों के अलावा बिल्लियों,पक्षियों, कछुओं की विभिन्न नस्लें हैं. नवीन का इन सभी के भोजन और दवा पर प्रति दिन लगभग 1 हजार रुपये खर्च होता है. इसके लिए वह खुद के व्यवसाय से मिले पैसे का इस्तेमाल करते हैं.

कर्नाटक : कुत्ते इंसान को सबसे अधिक प्रिय होते हैं क्योंकि इन्हें सबसे वफादार जानवर कहा जाता है. यही वजह है कि उडुपी के काडेकर का एक पूर्व सैनिक ने विभिन्न प्रजातियों के 13 नस्ल के 15 कुत्तों को पाल रखा है. वह इनकी देखभाल अपने बच्चों की तरह करता है.

सेना से रिटायर होने के बाद नवीन ने अपने शहर वापस आने के बाद कुत्तों को पालना शुरू किया. उसे रिटायर हुये 11 साल हो चुके हैं. नवीन के घर में पाले जाने वाले जानवरों में अब दुर्लभ विदेशी नस्ल के कुत्ते भी शामिल हो गए हैं.

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इतना ही नहीं उनके घर में कुत्तों के अलावा खरगोश, मछलियों की विभिन्न प्रजातियों को देखा जा सकता है. उनके यहां कुत्तों की रॉटवीलर, अमेरिकन बुली, साइबेरियन हस्की की प्रजातियों के अलावा बिल्लियों,पक्षियों, कछुओं की विभिन्न नस्लें हैं. नवीन का इन सभी के भोजन और दवा पर प्रति दिन लगभग 1 हजार रुपये खर्च होता है. इसके लिए वह खुद के व्यवसाय से मिले पैसे का इस्तेमाल करते हैं.

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