नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि निकटता से जुड़ी दुनिया में आपदाओं का प्रभाव केवल स्थानीय नहीं होता है, ऐसे में देशों की प्रतिक्रिया एकीकृत होनी चाहिए ना कि अलग-थलग. 'कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर' (सीडीआरआई) की और से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा की स्थिति में स्थानीय अंतर्दृष्टि के महत्व पर भी प्रकाश डाला.
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"In a closely connected world impact of disasters won't be just local. Disaster in one region can have a big impact on a completely different region. Therefore our response has to be integrated and not isolated": PM Modi at Int'l Conference on Disaster Resilient Infra pic.twitter.com/i0ByjRo5uI
— ANI (@ANI) April 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) April 4, 2023
उन्होंने कहा, 'निकटता से जुड़ी दुनिया में, आपदाओं का प्रभाव केवल स्थानीय नहीं होगा, बल्कि एक क्षेत्र में आपदा का अलग क्षेत्र में बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए, हमारी प्रतिक्रिया एकीकृत होनी चाहिए, अलग-थलग नहीं.' प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र और क्षेत्र विभिन्न प्रकार की आपदाओं का सामना करता है और इन परिस्थितियों में समाज बुनियादी ढांचे से संबंधित स्थानीय ज्ञान विकसित करता है.
उन्होंने बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करते समय, इस तरह के ज्ञान का बुद्धिमानी से उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, 'स्थानीय अंतर्दृष्टि के साथ आधुनिक तकनीक लचीलेपन के लिए बहुत अच्छी हो सकती है. इसके अलावा, यदि अच्छी तरह से इनका उपयोग किया जाता है तो स्थानीय ज्ञान एक वैश्विक सर्वोत्तम अभ्यास बन सकता है.' भारत की अगुवाई वाला सीडीआरआई नयी दिल्ली में आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है.
मोदी ने कहा कि कुछ ही वर्षों में, 40 से अधिक देश सीडीआरआई का हिस्सा बन गए हैं और इस प्रकार यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बनता जा रहा है. उन्होंने कहा, 'उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं, छोटे देश और बड़े देश, वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण इस मंच पर एक साथ आ रहे हैं. यह भी उत्साहजनक है कि केवल सरकारें ही इसमें शामिल नहीं हैं, बल्कि वैश्विक संस्थान और निजी क्षेत्र भी एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.'
इस प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम में 20 से ज्यादा देशों से 50 वैश्विक संगठनों, निजी क्षेत्र और शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि के तौर पर लगभग 90 विशेषज्ञ शामिल हैं. इसमें अधिक मजबूत दुनिया के लिए संभावित समाधानों को बढ़ाने और आपदा एवं जलवायु अनुकूल उद्देश्यों की सुविधा पर ध्यान केंद्रित किया जाना है.
सम्मेलन में बुनियादी ढांचे में मजबूती लाने और आपदाओं के बढ़ते मामलों तथा प्रभाव के कारण लोगों और समुदायों के लिए आवश्यक सेवाओं की पहुंच, वितरण और निरंतरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देने का प्रयास किया जाएगा.
पीटीआई-भाषा