अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद शहर के ख्याति अस्पताल में एंजियोप्लास्टी करने से दो मरीजों की मौत हो गई थी. इस घटना से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया था, क्योंकि अस्पताल ने मेडिकल कैंप के बहाने परिवार की मंजूरी के बिना 12 लोगों की एंजियोप्लास्टी की थी. पुलिस ने इस मामले में एंजियोप्लास्टी करने वाले डॉ. प्रशांत वजीरानी को गिरफ्तार कर लिया है.
ख्याति हॉस्पिटल द्वारा आयुष्यमान कार्ड का फायदा उठाकर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने की इस घटना ने पूरे गुजरात को हिलाकर रख दिया है. वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की जमकर आलोचना हो रही है, लेकिन सवाल कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को उनके कर्मों की सजा कब मिलेगी और पीड़ितों को न्याय कब मिलेगा?
10 नवंबर को मेहसाणा के बोरिसाना गांव में ख्याति हॉस्पिटल की ओर से एक कैंप का आयोजन किया गया था. अस्पताल का दावा है कि कैंप में 100 से ज्यादा मरीज चेकअप के लिए आए. 19 मरीजों की एंजियोप्लास्टी हुई, जबकि 7 को स्टेंट लगाया गया. स्टेंट वाले 7 मरीजों में से 2 मरीजों की कुछ ही घंटों में मौत हो गई. जिनकी पहचान 45 वर्षीय महेश बारोट और 72 वर्षीय नागरभाई सेनमा के रूप में की गई. घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की.
घटना से जुड़ी मुख्य बातें
- ख्याति अस्पताल को पीएमजेएवाई से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.
- साल 2021 में ख्याति हॉस्पिटल को PMJAY से सस्पेंड कर दिया गया था.
- ख्याति हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द किया जाएगा
- ख्याति हॉस्पिटल कांड में बीजेपी नेता के शामिल होने का आरोप
- ख्याति अस्पताल मामले में राज्य सरकार अभियोजक होगी
- सीएम, स्वास्थ्य मंत्री और पुलिस के बीच हुई बैठक में लिया गया फैसला
- यूएन मेहता और सोला सिविल अस्पताल के विशेषज्ञों की टीम जांच करेगी
वहीं, इस कांड के बाद गुजरात मेडिकल काउंसिल ने ख्याति हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया है और अस्पताल के सीईओ चिराग राजपूत, डॉ. प्रशांत वजीरानी, डॉ. संजय पटोलिया और राजश्री कोठारी को सात दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
कैसे सामने आया मामला
बीते 10 नवंबर को ख्याति अस्पताल ने मेहसाणा जिले के कड़ी तालुका के बोरिसाना गांव के महादेव मंदिर में सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक फ्री मेडिकल चेकअप कैप का आयोजन किया. इस चिकित्सा शिविर में आए लोगों में से 19 मरीजों को भर्ती किया गया. जिनमें से 7 कथित मरीजों को बिना सहमति के स्टेंट लगा दिया गया, जिनमें से 45 वर्षीय महेश बारोट और 79 वर्षीय नागरभाई सेनमा की स्टेंट लगाने के कुछ घंटों बाद मौत हो गई.
इन दोनों मरीजों की एंजियोप्लास्टी डॉ. प्रशांत वजीरानी ने की थी. चौंकाने वाली बात यह है कि ख्याति हॉस्पिटल के डॉक्टर के पैनल में वजीरानी का नाम नहीं है. फिर भी, डॉ. वजीरानी ने मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की. वजीरानी को गिरफ्तार करके पुलिस पुछताछ कर रही है. वहीं, ख्याति हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर कार्तिक पटेल समेत अन्य संचालक फरार हैं.
PMJAY से कमाई
ख्याति हॉस्पिटल जहां PMJAY योजना से पैसे कमाने के चक्कर में मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा था, वहीं एक बात यह भी पता चली है कि ख्याति मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने अभी तक गुजरात क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, 2021 के तहत अस्पताल का पंजीकरण नहीं कराया है.
अस्पताल में दो मरीजों की मौत की इस घटना ने गुजरात सरकार की आरोग्य कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक इस मामले में राज्य सरकार अभियोजक होगी. लेकिन, अस्पताल को तत्काल बंद करने के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में अस्पताल द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी सरकार की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
सोला सिविल अस्पताल का खुलासा
मृतक मरीजों को पोस्टमार्टम के लिए शहर के सोला सिविल अस्पताल भेजा गया. सोला सिविल से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन मरीजों की मौत हुई, उनमें सिर्फ 40 फीसदी ब्लॉकेज था, लेकिन सर्जरी के बाद स्टेंट डाला गया था. इस मामले में सोला थाने में सोला सिविल अस्पताल के सीडीएमओ डाॅ. प्रकाश मेहता ने शिकायत दर्ज कराई है.
हॉस्पिटल का मालिक कौन है?
ख्याति मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर कार्तिक पटेल ने न केवल मेडिकल क्षेत्र बल्कि कंस्ट्रक्शन और एजुकेशन सेक्टर में भी अपना हाथ आजमाया है. डॉ. कार्तिक पटेल के बीजेपी के शीर्ष नेताओं से करीबी रिश्तों की भी चर्चा है.
ख्याति हॉस्पिटल के पांच डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत
बोरीसाणा गांव के निवासी और मृतक के परिजन जयरामभाई और गिरधरभाई बारोट ने ख्याति अस्पताल के डॉक्टर प्रशांत वजीरानी, कार्तिक पटेल, संजय पटोदिया, चिराग राजपूत, राजश्री कोठारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
गुजरात में एक ओर जहां मेडिकल टूरिज्म विकसित करने की योजना है. दूसरी ओर ख्याति हॉस्पिटल जैसे संस्थान गुजरात की स्वास्थ्य सेवाओं पर दाग लगा रहे हैं. सरकार की तरफ से इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है.
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