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उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा : छठे दिन युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन, अब तक 36 शव बरामद - ETV India CM Trivendra Exclusive Interview

उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा
उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा
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Published : Feb 12, 2021, 10:43 AM IST

10:39 February 12

आपदा के कारणों और भविष्य के जोखिम को लेकर शोध

इन शोध संस्थानों के वैज्ञानिक होंगे शामिल
इन शोध संस्थानों के वैज्ञानिक होंगे शामिल

चमोली में आई भीषण आपदा को लेकर जहां एक तरफ बचाव और राहत का काम चल रहा है तो वहीं आपदा के कारणों और भविष्य के जोखिम को लेकर शोध किया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार ने नौ अलग-अलग शोध संस्थाओं की एक टीम गठित की है, जोकि इस आपदा के कारण और भविष्य के जोखिमों को लेकर एक विस्तृत शोध करेगी और अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को सौंपेगी.

इन शोध संस्थानों के वैज्ञानिक होंगे शामिलः

  1. उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA)
  2. हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ वाडिया जियोलॉजी
  3. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान जीआईएस (GIS)
  4. इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग देहरादून (IIRS)
  5. आईआईटी रुड़की
  6. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (CBRI)
  7. टीएचडीसी
  8. उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL)
  9. उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (USAC)

उत्तराखंड शासन द्वारा गठित की गई इस टीम में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष रौतेला अध्यक्ष रहेंगे. ये टीम इस आपदा के सभी अलग-अलग पहलुओं पर रिसर्च करेगी. साथ ही नंदा देवी की पहाड़ियों पर जाकर वहां के हालातों का जायजा लिया जाएगा.

10:33 February 12

उत्तराखंड राहत और बचाव कार्य

चमोलीः जोशीमठ हादसे में राहत बचाव कार्यों में जुटी एजेंसियों ने अब तक 36 शव बरामद कर लिया है. इस दौरान 10 शवों की शिनाख्त भी हो चुकी है. एजेंसियां अन्य शवों के शिनाख्त में भी जुटी हुई है. वहीं, तपोवन टनल में भी राहत बचाव कार्य लगातार जारी है. आपदा में अभी तक 204 लापता बताए जा रहे हैं. 

इस वक्त तपोवन टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. बीते रोज टनल में कुछ वक्त के लिए अचानक पानी आ जाने से रेस्क्यू कार्य प्रभावित हुआ था लेकिन फिर से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया. उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि हमारी प्राथमिकता जिंदा लोगों को रेस्क्यू करना है. इसलिए जब तक टनल को पूरी तरह से साफ नहीं कर दिया जाता, तब तक रेस्क्यू जारी रहेगा.

बता दें कि सात फरवरी के दिन ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया था. इस जल सैलाब में 600 से ज्यादा जवान रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे हैं. जिसमें आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस के जवान शामिल हैं.

10:39 February 12

आपदा के कारणों और भविष्य के जोखिम को लेकर शोध

इन शोध संस्थानों के वैज्ञानिक होंगे शामिल
इन शोध संस्थानों के वैज्ञानिक होंगे शामिल

चमोली में आई भीषण आपदा को लेकर जहां एक तरफ बचाव और राहत का काम चल रहा है तो वहीं आपदा के कारणों और भविष्य के जोखिम को लेकर शोध किया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार ने नौ अलग-अलग शोध संस्थाओं की एक टीम गठित की है, जोकि इस आपदा के कारण और भविष्य के जोखिमों को लेकर एक विस्तृत शोध करेगी और अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को सौंपेगी.

इन शोध संस्थानों के वैज्ञानिक होंगे शामिलः

  1. उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA)
  2. हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ वाडिया जियोलॉजी
  3. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान जीआईएस (GIS)
  4. इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग देहरादून (IIRS)
  5. आईआईटी रुड़की
  6. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (CBRI)
  7. टीएचडीसी
  8. उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL)
  9. उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (USAC)

उत्तराखंड शासन द्वारा गठित की गई इस टीम में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष रौतेला अध्यक्ष रहेंगे. ये टीम इस आपदा के सभी अलग-अलग पहलुओं पर रिसर्च करेगी. साथ ही नंदा देवी की पहाड़ियों पर जाकर वहां के हालातों का जायजा लिया जाएगा.

10:33 February 12

उत्तराखंड राहत और बचाव कार्य

चमोलीः जोशीमठ हादसे में राहत बचाव कार्यों में जुटी एजेंसियों ने अब तक 36 शव बरामद कर लिया है. इस दौरान 10 शवों की शिनाख्त भी हो चुकी है. एजेंसियां अन्य शवों के शिनाख्त में भी जुटी हुई है. वहीं, तपोवन टनल में भी राहत बचाव कार्य लगातार जारी है. आपदा में अभी तक 204 लापता बताए जा रहे हैं. 

इस वक्त तपोवन टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. बीते रोज टनल में कुछ वक्त के लिए अचानक पानी आ जाने से रेस्क्यू कार्य प्रभावित हुआ था लेकिन फिर से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया. उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि हमारी प्राथमिकता जिंदा लोगों को रेस्क्यू करना है. इसलिए जब तक टनल को पूरी तरह से साफ नहीं कर दिया जाता, तब तक रेस्क्यू जारी रहेगा.

बता दें कि सात फरवरी के दिन ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया था. इस जल सैलाब में 600 से ज्यादा जवान रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे हैं. जिसमें आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस के जवान शामिल हैं.

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