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औरंगाबाद का नाम बदलने का मुद्दा गरम, शिवसेना ने बनाया संभाजीनगर सेल्फी पॉइंट

औरंगाबाद का नाम बदलने का मुद्दा फिर चर्चा में है. शिवसेना ने सुपर संभाजी नगर का एक सेल्फी पॉइंट बनाकर इस मुद्दे को फिर हवा दे दी है. जानिए क्या है मामला.

Aurangabad
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Published : Jan 5, 2021, 10:20 PM IST

औरंगाबाद : महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलने की चर्चा को लेकर मामला गर्माता जा रहा है. औरंगाबाद में कुछ दिन पहले स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लव औरंगाबाद के सेल्फी पॉइंट बनाए गए थे. जवाब में शिवसेना ने शहर के टीवी केंद्र क्षेत्र में सुपर संभाजीनगर का सेल्फी पॉइंट बना दिया है, जिसको लेकर राजनीति तेज हो गई है.

मामले में महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बाला साहेब थोराट ने कहा कि हम नाम बदलने पर विश्वास नहीं करते हैं, ऐसा नहीं करेंगे. आम जनमानस के लिए क्या अच्छा है, इसके लिए काम करेंगे. नाम बदलने के खिलाफ हम रहेंगे.

वहीं, शिवसेना के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत खेरे ने कहा कि शिवसेना ने 1988 में औरंगाबाद नगर निगम चुनावों में 60 में से 28 सीटें जीती थीं, जिसके बाद औरंगाबाद में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था. शिवसेना के सुप्रीमो बाल साहेब ठाकरे ने मंच से घोषणा की थी कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होगा. जब शिवसेना सरकार सत्ता में आई तो कैबिनेट ने शहर का नाम बदलने का फैसला किया, जिसे अधिसूचित भी किया गया, लेकिन इस मामले को अदालत में चुनौती दी गई.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

मामले में नगर निगम के पूर्व पार्षद मुश्ताक अहमद ने बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच में एक याचिका दायर की थी जिसे हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया था. मुश्ताक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई थी कि 'आपके पास तरक्की करने वाले और काम नहीं हैं जो आप शहर का नाम बदलना चाह रहें हैं. अगर आपको शहर का नाम बदलना ही है तो नया शहर बनाएं और उसका नाम संभाजीनगर रखें.'

पढ़ें- औरंगाबाद का नाम बदलने की मांग, रेलवे स्टेशन पर बढ़ाई गई सुरक्षा

औरंगाबाद : महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलने की चर्चा को लेकर मामला गर्माता जा रहा है. औरंगाबाद में कुछ दिन पहले स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लव औरंगाबाद के सेल्फी पॉइंट बनाए गए थे. जवाब में शिवसेना ने शहर के टीवी केंद्र क्षेत्र में सुपर संभाजीनगर का सेल्फी पॉइंट बना दिया है, जिसको लेकर राजनीति तेज हो गई है.

मामले में महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बाला साहेब थोराट ने कहा कि हम नाम बदलने पर विश्वास नहीं करते हैं, ऐसा नहीं करेंगे. आम जनमानस के लिए क्या अच्छा है, इसके लिए काम करेंगे. नाम बदलने के खिलाफ हम रहेंगे.

वहीं, शिवसेना के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत खेरे ने कहा कि शिवसेना ने 1988 में औरंगाबाद नगर निगम चुनावों में 60 में से 28 सीटें जीती थीं, जिसके बाद औरंगाबाद में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था. शिवसेना के सुप्रीमो बाल साहेब ठाकरे ने मंच से घोषणा की थी कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होगा. जब शिवसेना सरकार सत्ता में आई तो कैबिनेट ने शहर का नाम बदलने का फैसला किया, जिसे अधिसूचित भी किया गया, लेकिन इस मामले को अदालत में चुनौती दी गई.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

मामले में नगर निगम के पूर्व पार्षद मुश्ताक अहमद ने बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच में एक याचिका दायर की थी जिसे हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया था. मुश्ताक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई थी कि 'आपके पास तरक्की करने वाले और काम नहीं हैं जो आप शहर का नाम बदलना चाह रहें हैं. अगर आपको शहर का नाम बदलना ही है तो नया शहर बनाएं और उसका नाम संभाजीनगर रखें.'

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