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केंद्रीय मंत्री के काफिले पर हमला मामला, SC ने सीबीआई जांच आदेश किया दरकिनार

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Published : Apr 13, 2023, 1:41 PM IST

पश्चिम बंगाल सरकार को उच्चतम न्यायालय ने बड़ी राहत दी है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर हमले के मामले में शीर्ष अदालत ने सीबीआई जांच के आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही आगे की सुनवाई के लिए मामले को कलकत्ता उच्च न्यायालय भेज दिया है.

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नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में फरवरी में केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर हुए कथित हमले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने का निर्देश देने संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने जांच की स्थिति पर पश्चिम बंगाल पुलिस के अतिरिक्त हलफनामे का संज्ञान लिया तथा उच्च न्यायालय से इस पर फिर से गौर करने और यह फैसला करने को कहा कि सीबीआई जांच की जरूरत है या नहीं.

शीर्ष अदालत ने कहा, "हम कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हैं." कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री प्रमाणिक के काफिले पर 25 फरवरी को कूच बिहार जिले में हुए हमले के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने का 28 मार्च को आदेश दिया था. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि प्रमाणिक जब 25 फरवरी को अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर थे, तब दिनहाटा में उन पर हमला किया गया और उनके काफिले पर पथराव किया गया. अधिकारी ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी.

बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और कूचबिहार से भाजपा सांसद निशीथ प्रमाणिक के वाहन पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कथित तौर पर 25 फरवरी को हमला किया और तोड़फोड़ की. यह घटना कूचबिहार के दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र के बुरिहाट में हुई थी. प्रमाणिक का काफिला जब इलाके से गुजर रहा था तब सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाते हुए उनके काफिले को घेरकर आंदोलन शुरू कर दिया. इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई, क्योंकि तृणमूल और भाजपा समर्थक आपस में भिड़ गए. दोनों पार्टियों के समर्थकों ने ईंट-पत्थर फेंके, इस दौरान प्रमाणिक की कार का शीशा भी तोड़ दिया गया.

हालांकि, इस हमले में मंत्री को कोई चोट नहीं आई थी. प्रमाणिक ने आरोप लगाया कि पत्थर और ईंटों के अलावा, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले, उनके सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय भाजपा समर्थकों को निशाना बनाते हुए देशी बम भी फेंके थे. उन्होंने आगे कहा कि घटना साबित होता है कि पश्चिम बंगाल इस समय असामाजिक तत्वों के पूर्ण नियंत्रण में है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह संभव नहीं है. राज्य की जनता सब कुछ देख रही है और वे सही समय आने पर सत्ता पक्ष को करारा जवाब देंगे. प्रमाणिक ने वहां मौजूद स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया, मेरे काफिले पर हमला करने वालों को नियंत्रित करने की कोशिश करने के बजाय, पुलिस ने हमारे समर्थकों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे.

(भाषा-आईएएनएस)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में फरवरी में केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर हुए कथित हमले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने का निर्देश देने संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने जांच की स्थिति पर पश्चिम बंगाल पुलिस के अतिरिक्त हलफनामे का संज्ञान लिया तथा उच्च न्यायालय से इस पर फिर से गौर करने और यह फैसला करने को कहा कि सीबीआई जांच की जरूरत है या नहीं.

शीर्ष अदालत ने कहा, "हम कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हैं." कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री प्रमाणिक के काफिले पर 25 फरवरी को कूच बिहार जिले में हुए हमले के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने का 28 मार्च को आदेश दिया था. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि प्रमाणिक जब 25 फरवरी को अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर थे, तब दिनहाटा में उन पर हमला किया गया और उनके काफिले पर पथराव किया गया. अधिकारी ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी.

बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और कूचबिहार से भाजपा सांसद निशीथ प्रमाणिक के वाहन पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कथित तौर पर 25 फरवरी को हमला किया और तोड़फोड़ की. यह घटना कूचबिहार के दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र के बुरिहाट में हुई थी. प्रमाणिक का काफिला जब इलाके से गुजर रहा था तब सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाते हुए उनके काफिले को घेरकर आंदोलन शुरू कर दिया. इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई, क्योंकि तृणमूल और भाजपा समर्थक आपस में भिड़ गए. दोनों पार्टियों के समर्थकों ने ईंट-पत्थर फेंके, इस दौरान प्रमाणिक की कार का शीशा भी तोड़ दिया गया.

हालांकि, इस हमले में मंत्री को कोई चोट नहीं आई थी. प्रमाणिक ने आरोप लगाया कि पत्थर और ईंटों के अलावा, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले, उनके सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय भाजपा समर्थकों को निशाना बनाते हुए देशी बम भी फेंके थे. उन्होंने आगे कहा कि घटना साबित होता है कि पश्चिम बंगाल इस समय असामाजिक तत्वों के पूर्ण नियंत्रण में है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह संभव नहीं है. राज्य की जनता सब कुछ देख रही है और वे सही समय आने पर सत्ता पक्ष को करारा जवाब देंगे. प्रमाणिक ने वहां मौजूद स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया, मेरे काफिले पर हमला करने वालों को नियंत्रित करने की कोशिश करने के बजाय, पुलिस ने हमारे समर्थकों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे.

(भाषा-आईएएनएस)

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