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कोरोना उत्पत्ति मामले की जांच के लिए याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अभिनव भारत कांग्रेस की एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ट्रस्टी के साथ एक अंतरराष्ट्रीय टास्क फोर्स बनाने की मांग की गई थी, जो कि कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति का पता लगा सके.

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Published : Sep 6, 2021, 5:01 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति जानने के लिए अंतरराष्ट्री टास्क फोर्स बनाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है. यह याचिका अभिनव भारत कांग्रेस द्वारा दायर की गई थी. याचिका में कोविड की उत्पत्ति और दूसरी लहर के दौरान मौतों के लिए जिम्मेदार की पहचान करने की मांग थी.

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ता से यह कहते हुए याचिका वापस लेने को कहा कि उनके पास ऐसा करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम अन्य देशों से जुड़े षड्यंत्र के सिद्धांतों में तल्लीन होने के बजाय अपने देश में महामारी के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेंगे. चीनी या अमेरिकी नागरिकों पर हमारा कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अभ्यावेदन के लिए सरकार है और उनसे संपर्क करना चाहिए. याचिका में भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया था, जिसने भारत में दूसरी लहर के दौरान 3.9 मिलियन लोगों के मारे जाने के कारण युद्ध जैसी स्थिति की आशंका जताई थी.

यह भी पढ़ें-ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार, कहा- अदालत के फैसले का सम्मान नहीं कर रहा केंद्र

तीसरी लहर पर नजर रखने के लिए केंद्र को निर्देश देने की प्रार्थना करते हुए याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि वुहान से उत्पन्न वायरस से कोरोना हुआ था और इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की जानी चाहिए. कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार किया और याचिकाकर्ता को वापस लेने और सरकार से संपर्क करने के लिए कहा है.

नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति जानने के लिए अंतरराष्ट्री टास्क फोर्स बनाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है. यह याचिका अभिनव भारत कांग्रेस द्वारा दायर की गई थी. याचिका में कोविड की उत्पत्ति और दूसरी लहर के दौरान मौतों के लिए जिम्मेदार की पहचान करने की मांग थी.

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ता से यह कहते हुए याचिका वापस लेने को कहा कि उनके पास ऐसा करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम अन्य देशों से जुड़े षड्यंत्र के सिद्धांतों में तल्लीन होने के बजाय अपने देश में महामारी के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेंगे. चीनी या अमेरिकी नागरिकों पर हमारा कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अभ्यावेदन के लिए सरकार है और उनसे संपर्क करना चाहिए. याचिका में भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया था, जिसने भारत में दूसरी लहर के दौरान 3.9 मिलियन लोगों के मारे जाने के कारण युद्ध जैसी स्थिति की आशंका जताई थी.

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तीसरी लहर पर नजर रखने के लिए केंद्र को निर्देश देने की प्रार्थना करते हुए याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि वुहान से उत्पन्न वायरस से कोरोना हुआ था और इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की जानी चाहिए. कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार किया और याचिकाकर्ता को वापस लेने और सरकार से संपर्क करने के लिए कहा है.

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