हैदराबाद : स्टार्टअप रीजीन इनोवेशन ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी की क्षमता का परीक्षण करने के लिए दो प्रकार के टेस्ट शुरू किए हैं. ऐसा पहली बार है जब एंटीब़ॉडी टेस्ट के लिए रक्त निकालने की जरूरत नहीं होगी. रीजीन इनोवेशन कंपनी हैदराबाद विश्वविद्यालय के एस्पायर बायोनेस्ट इनक्यूबेशन सेंटर में स्थित है (Aspire Bionest Incubation Center). कंपनी की शुरुआत उदय सक्सेना और वांगला सुब्रमण्यम (Uday Saxen and Vangala Subramaniam) ने की थी.
रीजीन इनोवेशन ने लार-आधारित एंटीबॉडी टेस्ट किट विकसित की है. मतलब एंटीबॉडी टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल की जरूरत नहीं होगी. कंपनी ने एलिसा और फास्ट फ्लो स्पॉट नाम से दो टेस्ट किट बनाई हैं (two tests kits called Elisa and Fast flow spot). एलिसा टेस्ट किट का उपयोग अस्पताल या प्रयोगशाला में बड़ी संख्या में नमूनों का परीक्षण करने के लिए किया जा सकता है. जबकि फास्ट-फ्लो स्पॉट टेस्ट किट का इस्तेमाल घर में ही किया जा सकता है.
आमतौर पर अभी एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए रक्त के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं. लेकिन रीजीन द्वारा डिजाइन की गईं किट से लार आधारित परीक्षण किया जा सकता है. स्टार्टअप रीजीन इनोवेशन ने अमेरिकी कंपनी ले साइंस इंक ( American company Lay Science Inc.) से साझेदारी समझौता किया है. ले साइंसेज (Lay Sciences) के सीईओ उदय सक्सेना और सतीश चंद्रन ने कहा कि इन किटों की मदद से एंटीबॉडी की क्षमता का आसानी से पता लगाया जा सकता है.
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