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आरसीईपी ने क्वाड भागीदारों के 'मालाबार मूड' को उदासी में बदला

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Published : Nov 17, 2020, 6:44 AM IST

Updated : Nov 17, 2020, 8:08 AM IST

जापान और ऑस्ट्रेलिया ने हनोई में रविवार को चीन के नेतृत्व वाले क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी यानी रिजनल कम्प्रहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) समझौते में शामिल होने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए. इसकी गूंज मंगलवार को पाकिस्तान के दक्षिण की ओर खुले समंदर में महसूस की जा सकती है. इसका कारण है अरब सागर के उत्तरी हिस्से में मंगलवार से मालाबार युद्धाभ्यास के दूसरे चरण की असली कार्रवाई का शुरू होना. यह व्यापारिक जहाजों के आने- जाने का दुनिया के व्यस्तम मार्गों में से एक है, जो खाड़ी के देशों से शुरू होता है और जिसे दुनिया में तेल के लिए जाना जाता है. पढ़ें वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की यह रिपोर्ट...

‘मालाबार 2020
‘मालाबार 2020

नई दिल्ली : जापान और ऑस्ट्रेलिया ने हनोई में रविवार को चीन के नेतृत्व वाले क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी यानी रिजनल कम्प्रहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) समझौते में शामिल होने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए. इसकी गूंज मंगलवार को पाकिस्तान के दक्षिण की ओर खुले समंदर में महसूस की जा सकती है. इसका कारण है कि अरब सागर के उत्तरी हिस्से में मंगलवार से मालाबार युद्धाभ्यास के दूसरे चरण की असली कार्रवाई शुरू हो गई होगी. यह व्यापारिक जहाजों के आने- जाने का दुनिया के व्यस्तम मार्गों में एक है जो खाड़ी के देशों से शुरू होता है जिसे दुनिया में तेल के लिए जाना जाता है.

मालाबार 2020 को जो चीज अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है वह यह है कि इसके पहले के अवतारों के विपरीत यह क्वाड नामक अनौपचारिक समूह का पहला संयुक्त और एकीकृत सैन्य प्रदर्शन होगा. चीन विरोधी गठबंधन के रूप में बने इस संगठन को निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जोरदार तरीके से आगे बढ़ाया था. ट्रंप अगले वर्ष जनवरी में जो बाइडेन को सत्ता की बागडोर सौंपेंगे.

'मालाबार 2020' का पहला चरण इसी माह 3 से 6 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम तट से दूर संपन्न हुआ था. इसकी शुरुआत उसी दिन हुई थी जिस दिन अमेरिका अपने अगले राष्ट्रपति को चुनने के लिए मतदान कर रहा था. लेकिन 3 नवंबर से अब तक बहुत कुछ बदल गया है. एक तो ट्रम्प चुनाव हार गए हैं. दूसरा यह देखना बाकी है कि क्या नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन क्वाड के प्रयास को आगे बढ़ाते हैं ?.

इस बात को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या बाइडेन शासन भी चीन के प्रति राष्ट्रपति ट्रंप की तरह ही कट्टर विरोधी रुख रखेगा? यदि ऐसा नहीं है तो हिंद महासागर में चीन के वर्चस्व को खारिज करने के लिए गठित क्वाड को बे असर कर दिया जाएगा. राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन विरोधी नीति की बुनियाद के रूप में एक क्वाड पर ध्यान केंद्रित किया था. बइडेन सरकार अमेरिकी विदेश नीति की दिशा बदल सकती है.

आरसीईपी में यह पहली बार हुआ है कि जापान अपने पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी चीन के साथ एक व्यापारिक ब्लॉक का हिस्सा होगा. आरसीईपी को दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक ब्लॉक के रूप में प्रचारित किया जाता है. इसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र से आर्थिक रूप से शक्तिशाली 15 राष्ट्र शामिल हैं, भारत ने पिछले साल नवंबर में आरसीईपी वार्ता से खुद को अलग कर लिया था.

आरसीईपी को व्यापार में कर बाधाओं को क्रमश: कम करने के प्रयास के रूप में देखा जाता है. इस समूह में तेजी से बढ़ते चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे दस आसियान सदस्य देश शामिल हैं. इसकी दुनिया की आबादी में 30 फीसद हिस्सेदारी होगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी इसका 30 फीसद हिस्सा होगा.

भारतीय नौसेना की ओर से की गई मेजबानी में मालाबार 2020 के तहत युद्धाभ्यास में भारतीय, अमेरिकी, जापानी और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने संयुक्त रूप से अभ्यास किया था. 3 से 6 नवम्बर तक चले पहले चरण में भारतीय नौसेना के आईएनएस रणविजय (विध्वंसक), आईएनएस शिवालिक (युद्धक पोत ), आईएनएस सुकन्या (गश्ती पोत), आईएनएस शक्ति (बेड़ा टैंकर) और पनडुब्बी आईएनएस सिंधुराज ने भाग लिया. जबकि अमेरिकी पोतों में यूएसएन यूएसएस जॉन एस मैक्केन (गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक ), आरएएन पोत एचएमएएस बैलरट (लंबी दूरी तक मार करने वाला युद्ध पोत) जिसमें एमएच -60 हेलीकॉप्टर था और जेएमएसडीएफ पोत जेएस ओनमी (विध्वंसक) के साथ एसएच -60 हेलीकॉप्टर थे. इन सबने उस अभ्यास में भाग लिया था.

मंगलवार से शुरू होने वाले मालाबार के दूसरे चरण का सबसे अधिक ध्यान भारतीय नौसेना के विक्रमादित्य कैरियर बैटल ग्रुप और अमेरिकी नौसेना का निमित्ज कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पर होगा. अन्य जहाजों, पनडुब्बियों और भाग लेने वाले नौसैनिकों के विमानों के अलावा इसमें लड़ाकू विमान मिग-29के , एफ -18 और ई 2 सी हॉके भी हिस्सा लेंगे. भारतीय दल में स्वदेशी विध्वंसक पोत कोलकाता और चेन्नई शामिल होंगे. इसके साथ ही रडार की नजर से बच निकलने वाल पोत तलवार, बेड़े की सहायता करने वाला पोत दीपक और हेलीकाप्टरों के अलावा स्वदेश निर्मित पनडुब्बी खंडेरी और समुद्री निगरानी करने वाला विमान पी 8 आई शामिल हैं.

अमेरिकी दल में पी 8 ए समुद्री टोही विमानों के अलावा क्रूजर प्रिंसटन और विध्वंसक स्टीरियो शामिल होंगे. जापानी कुछ नौसेना के पोतों की भागीदारी के अलावा ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व उसका युद्ध पोत करेगा.

नई दिल्ली : जापान और ऑस्ट्रेलिया ने हनोई में रविवार को चीन के नेतृत्व वाले क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी यानी रिजनल कम्प्रहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) समझौते में शामिल होने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए. इसकी गूंज मंगलवार को पाकिस्तान के दक्षिण की ओर खुले समंदर में महसूस की जा सकती है. इसका कारण है कि अरब सागर के उत्तरी हिस्से में मंगलवार से मालाबार युद्धाभ्यास के दूसरे चरण की असली कार्रवाई शुरू हो गई होगी. यह व्यापारिक जहाजों के आने- जाने का दुनिया के व्यस्तम मार्गों में एक है जो खाड़ी के देशों से शुरू होता है जिसे दुनिया में तेल के लिए जाना जाता है.

मालाबार 2020 को जो चीज अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है वह यह है कि इसके पहले के अवतारों के विपरीत यह क्वाड नामक अनौपचारिक समूह का पहला संयुक्त और एकीकृत सैन्य प्रदर्शन होगा. चीन विरोधी गठबंधन के रूप में बने इस संगठन को निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जोरदार तरीके से आगे बढ़ाया था. ट्रंप अगले वर्ष जनवरी में जो बाइडेन को सत्ता की बागडोर सौंपेंगे.

'मालाबार 2020' का पहला चरण इसी माह 3 से 6 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम तट से दूर संपन्न हुआ था. इसकी शुरुआत उसी दिन हुई थी जिस दिन अमेरिका अपने अगले राष्ट्रपति को चुनने के लिए मतदान कर रहा था. लेकिन 3 नवंबर से अब तक बहुत कुछ बदल गया है. एक तो ट्रम्प चुनाव हार गए हैं. दूसरा यह देखना बाकी है कि क्या नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन क्वाड के प्रयास को आगे बढ़ाते हैं ?.

इस बात को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या बाइडेन शासन भी चीन के प्रति राष्ट्रपति ट्रंप की तरह ही कट्टर विरोधी रुख रखेगा? यदि ऐसा नहीं है तो हिंद महासागर में चीन के वर्चस्व को खारिज करने के लिए गठित क्वाड को बे असर कर दिया जाएगा. राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन विरोधी नीति की बुनियाद के रूप में एक क्वाड पर ध्यान केंद्रित किया था. बइडेन सरकार अमेरिकी विदेश नीति की दिशा बदल सकती है.

आरसीईपी में यह पहली बार हुआ है कि जापान अपने पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी चीन के साथ एक व्यापारिक ब्लॉक का हिस्सा होगा. आरसीईपी को दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक ब्लॉक के रूप में प्रचारित किया जाता है. इसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र से आर्थिक रूप से शक्तिशाली 15 राष्ट्र शामिल हैं, भारत ने पिछले साल नवंबर में आरसीईपी वार्ता से खुद को अलग कर लिया था.

आरसीईपी को व्यापार में कर बाधाओं को क्रमश: कम करने के प्रयास के रूप में देखा जाता है. इस समूह में तेजी से बढ़ते चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे दस आसियान सदस्य देश शामिल हैं. इसकी दुनिया की आबादी में 30 फीसद हिस्सेदारी होगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी इसका 30 फीसद हिस्सा होगा.

भारतीय नौसेना की ओर से की गई मेजबानी में मालाबार 2020 के तहत युद्धाभ्यास में भारतीय, अमेरिकी, जापानी और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने संयुक्त रूप से अभ्यास किया था. 3 से 6 नवम्बर तक चले पहले चरण में भारतीय नौसेना के आईएनएस रणविजय (विध्वंसक), आईएनएस शिवालिक (युद्धक पोत ), आईएनएस सुकन्या (गश्ती पोत), आईएनएस शक्ति (बेड़ा टैंकर) और पनडुब्बी आईएनएस सिंधुराज ने भाग लिया. जबकि अमेरिकी पोतों में यूएसएन यूएसएस जॉन एस मैक्केन (गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक ), आरएएन पोत एचएमएएस बैलरट (लंबी दूरी तक मार करने वाला युद्ध पोत) जिसमें एमएच -60 हेलीकॉप्टर था और जेएमएसडीएफ पोत जेएस ओनमी (विध्वंसक) के साथ एसएच -60 हेलीकॉप्टर थे. इन सबने उस अभ्यास में भाग लिया था.

मंगलवार से शुरू होने वाले मालाबार के दूसरे चरण का सबसे अधिक ध्यान भारतीय नौसेना के विक्रमादित्य कैरियर बैटल ग्रुप और अमेरिकी नौसेना का निमित्ज कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पर होगा. अन्य जहाजों, पनडुब्बियों और भाग लेने वाले नौसैनिकों के विमानों के अलावा इसमें लड़ाकू विमान मिग-29के , एफ -18 और ई 2 सी हॉके भी हिस्सा लेंगे. भारतीय दल में स्वदेशी विध्वंसक पोत कोलकाता और चेन्नई शामिल होंगे. इसके साथ ही रडार की नजर से बच निकलने वाल पोत तलवार, बेड़े की सहायता करने वाला पोत दीपक और हेलीकाप्टरों के अलावा स्वदेश निर्मित पनडुब्बी खंडेरी और समुद्री निगरानी करने वाला विमान पी 8 आई शामिल हैं.

अमेरिकी दल में पी 8 ए समुद्री टोही विमानों के अलावा क्रूजर प्रिंसटन और विध्वंसक स्टीरियो शामिल होंगे. जापानी कुछ नौसेना के पोतों की भागीदारी के अलावा ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व उसका युद्ध पोत करेगा.

Last Updated : Nov 17, 2020, 8:08 AM IST
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