मुंबई : रिजर्व बैंक ने रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग (Reliance Capital's board of directors dissolved) कर दिया है. केंद्रीय बैंक जल्द ही कर्ज में डूबी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non-Banking Financial Company) के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू (Insolvency proceedings begin) करेगा. भुगतान में चूक और कंपनी संचालन के स्तर पर गंभीर खामियों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
रिजर्व बैंक ने एक बयान मे कहा कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूर्व कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव (Nageswara Rao, former executive director of Bank of Maharashtra) वाई को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का प्रशासक नियुक्ति किया गया है. यह तीसरी सबसे बड़ी एनबीएफसी है जिसके खिलाफ केंद्रीय बैंक दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत दिवाला कार्यवाही शुरू करेगा.
इससे पहले रिजर्व बैंक ने श्रेई ग्रुप की एनबीएफसी तथा दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) के खिलाफ इसी प्रकार की कार्यवाही शुरू की थी. डीएचएफएल के खिलाफ कार्यवाही पूरी हो चुकी है जबकि श्रेई का मामला अभी लंबित है.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि रिजर्व बैंक ने मेसर्स रिलायंस कैपिटल लि. के निदेशक मंडल को भंग कर दिया है. कंपनी के अपने कर्जदाताओं को कर्ज लौटाने में चूक और कंपनी संचालन से जुड़ी गंभीर चिंताओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया.
कंपनी का निदेशक मंडल इन मुद्दों का समाधान प्रभावी तरीके से नहीं कर पाया. बयान के अनुसार रिजर्व बैंक जल्दी ही ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला (वित्तीय सेवा प्रदाताओं की दिवाला और परिसमापन कार्यवाही और न्यायनिर्णय प्राधिकरण को आवेदन) नियम 2019 के तहत कंपनी को लेकर समाधान प्रक्रिया शुरू करेगा.
रिजर्व बैंक राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), मुंबई से भी ऋण शोधन समाधान पेशेवर के रूप में प्रशासक नियुक्त करने का आग्रह करेगा. उल्लेखनीय है कि रिलायंस कैपिटल ने सितंबर में सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को सूचित किया था कि कंपनी के ऊपर एकीकृत रूप से 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
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कंपनी को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1,156 करोड़ रुपये का एकीकृत नुकसान हुआ जबकि आय 6,001 करोड़ रुपये रही थी. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कंपनी को 9,287 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जबकि कुल आय 19,308 करोड़ रुपये रही थी.
(पीटीआई-भाषा)