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RBI: स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 50 हजार करोड़ की विशेष लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा

आरबीआई ने मार्च 2022 तक कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा की. आरबीआई कोरोना संकट से त्रस्त अर्थव्यवस्था में वित्तीय संसाधनों का प्रवाह बढ़ाने के लिए सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम (जी-सैप 1.0) के तहत 20 मई को 35,000 करोड़ रुपये की दूसरी खरीद करेगा.

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Published : May 5, 2021, 10:43 AM IST

Updated : May 5, 2021, 12:37 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना के दूसरी लहर के बीच आरबीआई एक्शन में नजर आ रहा है. आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने आज (बुधवार) कोरोना और उससे जुड़ी स्थितियों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा, कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी काफी बडे़ स्तर पर प्रभावित हुई है. इससे जुड़ी स्थितियों पर आरबीआई की नजर बनी हुई है. दूसरी लहर के खिलाफ बड़े कदम की जरुरत है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कोविड19 संकट से त्रस्त अर्थव्यवस्था में वित्तीय संसाधनों का प्रवाह बढ़ाने के लिए सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम (जी-सैप 1.0) के तहत 20 मई को 35,000 करोड़ रुपये की दूसरी खरीद करेगा. उम्मीद है कि इससे कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बीच बांडों पर निवेश के प्रतिफल में स्थिरता बहाल होगी.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा, भारतीय रिज़र्व बैंक वर्तमान कोरोना के स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा. विशेष रूप से नागरिकों, व्यापारिक संस्थाओं और दूसरी लहर से प्रभावित संस्थानों के लिए अपने नियंत्रण के सभी संसाधनों और उपकरणों को तैनात करेगा. उन्होंने कहा, कोरोना की पहली लहर के बाद इकोनॉमी में रिकवरी दिखनी शुरु हुई थी, लेकिन दूसरी लहर ने एक बार फिर संकट पैदा कर दिया है.

पढ़ें- ऑक्‍सीजन की कमी से लोगों की मौत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, कहा- यह नरसंहार से कम नहीं

आरबीआई ने मार्च 2022 तक कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा की. इसके जरिए बैंक वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स, वैक्सीन ट्रांसपोर्ट, निर्यातकों को आसान किस्तों पर लोन उपलब्ध कराएंगे. इसके अतिरिक्त अस्पतालों, हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स को भी इसका लाभ मिलेगा.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार सुबह एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, पिछले महीने 25,000 करोड़ रुपये की पहली खरीद को बाजार की जोरदार प्रतिक्रिया मिली थी. इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था के विभिन्न हिस्सों को राहत देने के लिए कई उपायों की घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि आरबीआई दो सप्ताह में 35,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) की दूसरी खरीद करेगा.

बॉन्ड खरीद कार्यक्रम पर स्पष्टता लाने के लिए दास ने जी-सैप 1.0 नामक नए इंस्ट्रूमेंट के तहत पहली तिमाही के दौरान खुले बाजार के परिचालन (ओएमओ) के जरिए एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लक्ष्य की घोषणा की थी.

महंगाई पर उन्होंने कहा कि खाद्य और ईंधन मुद्रास्फीति ने महंगाई को बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से खाद्य मुद्रास्फीति में मदद मिलेगी.

आरबीआई गवर्नर ने एक अनिर्धारित घोषणा में कहा, केंद्रीय बैंक कोविड-19 संक्रमण के मामलों में दोबारा बढ़ोतरी से पैदा हुए हालात की निगरानी करता रहेगा और इससे निपटने के लिए सभी संसाधनों को तैनात करेगा. उन्होंने कहा, हमें वायरस से लड़ने के लिए अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना होगा.

नई दिल्ली : कोरोना के दूसरी लहर के बीच आरबीआई एक्शन में नजर आ रहा है. आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने आज (बुधवार) कोरोना और उससे जुड़ी स्थितियों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा, कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी काफी बडे़ स्तर पर प्रभावित हुई है. इससे जुड़ी स्थितियों पर आरबीआई की नजर बनी हुई है. दूसरी लहर के खिलाफ बड़े कदम की जरुरत है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कोविड19 संकट से त्रस्त अर्थव्यवस्था में वित्तीय संसाधनों का प्रवाह बढ़ाने के लिए सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम (जी-सैप 1.0) के तहत 20 मई को 35,000 करोड़ रुपये की दूसरी खरीद करेगा. उम्मीद है कि इससे कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बीच बांडों पर निवेश के प्रतिफल में स्थिरता बहाल होगी.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा, भारतीय रिज़र्व बैंक वर्तमान कोरोना के स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा. विशेष रूप से नागरिकों, व्यापारिक संस्थाओं और दूसरी लहर से प्रभावित संस्थानों के लिए अपने नियंत्रण के सभी संसाधनों और उपकरणों को तैनात करेगा. उन्होंने कहा, कोरोना की पहली लहर के बाद इकोनॉमी में रिकवरी दिखनी शुरु हुई थी, लेकिन दूसरी लहर ने एक बार फिर संकट पैदा कर दिया है.

पढ़ें- ऑक्‍सीजन की कमी से लोगों की मौत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, कहा- यह नरसंहार से कम नहीं

आरबीआई ने मार्च 2022 तक कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा की. इसके जरिए बैंक वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स, वैक्सीन ट्रांसपोर्ट, निर्यातकों को आसान किस्तों पर लोन उपलब्ध कराएंगे. इसके अतिरिक्त अस्पतालों, हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स को भी इसका लाभ मिलेगा.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार सुबह एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, पिछले महीने 25,000 करोड़ रुपये की पहली खरीद को बाजार की जोरदार प्रतिक्रिया मिली थी. इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था के विभिन्न हिस्सों को राहत देने के लिए कई उपायों की घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि आरबीआई दो सप्ताह में 35,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) की दूसरी खरीद करेगा.

बॉन्ड खरीद कार्यक्रम पर स्पष्टता लाने के लिए दास ने जी-सैप 1.0 नामक नए इंस्ट्रूमेंट के तहत पहली तिमाही के दौरान खुले बाजार के परिचालन (ओएमओ) के जरिए एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लक्ष्य की घोषणा की थी.

महंगाई पर उन्होंने कहा कि खाद्य और ईंधन मुद्रास्फीति ने महंगाई को बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से खाद्य मुद्रास्फीति में मदद मिलेगी.

आरबीआई गवर्नर ने एक अनिर्धारित घोषणा में कहा, केंद्रीय बैंक कोविड-19 संक्रमण के मामलों में दोबारा बढ़ोतरी से पैदा हुए हालात की निगरानी करता रहेगा और इससे निपटने के लिए सभी संसाधनों को तैनात करेगा. उन्होंने कहा, हमें वायरस से लड़ने के लिए अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना होगा.

Last Updated : May 5, 2021, 12:37 PM IST
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