ETV Bharat / bharat

बंगाल में जटिल सर्जरी : महिला के पेट से निकाली 4 किलो जेली, जानिए क्या है ये बीमारी - बंगाल में दुर्लभ सर्जरी

पश्चिम बंगाल में एक महिला की जटिल सर्जरी कर उसे नई जिंदगी दी गई है. महिला जेली-बेली बीमारी से पीड़ित थी, जिसे ट्यूमर का ही एक रूप कहा जाता है. ट्यूमर ठोस होता है, जबकि इस बीमारी में तरल पदार्थ जमा हो जाता है (Rare surgery of jelly belly).

Rare surgery of jelly belly
बंगाल में जटिल सर्जरी
author img

By

Published : Mar 23, 2023, 7:54 PM IST

कोलकाता : कोलकाता के नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (Nil Ratan Sircar Medical College and Hospital) में एक जटिल सर्जरी की गई. 46 साल की एक महिला के पेट से 4 किलो जेली निकालने के लिए सर्जरी की गई.

डॉक्टर ने बताया कि महिला 'स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी' (Pseudomyxoma peritonei) नाम की बीमारी से पीड़ित थी. जिसे बोलचाल की भाषा में 'जेली बेली' कहा जाता है. अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, नदिया निवासी छप्पिया शेख को कई महीनों से भूख नहीं लग रही थी. इस बीमारी में थोड़ा सा खाने से पेट बहुत ज्यादा फूल जाता है. यदि कोई पेट पर हाथ रखे तो वह बाहर से अनाज जैसे पदार्थ को महसूस होता है.

महिला की परेशानी देख परिजन उसे कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल लाए. वहां उसका सीटी स्कैन कराने के बाद पता चला कि उसे यह दुर्लभ बीमारी है.

अंतत: सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. उप्पल की देखरेख में मरीज का इलाज शुरू हुआ. डॉक्टर ने ईटीवी भारत को बताया कि महिला 'स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी' नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थी. इसे बोलचाल की भाषा में जेली बेली कहते हैं. मूल रूप से, ट्यूमर ठोस होता है, लेकिन इस रोग में यह तरल होता है. इस तरह की बीमारी अपेंडिक्स या ओवरी से शुरू होती है. ट्यूमर में जो कोशिकाएं होती हैं वे अचानक एक छिद्र से बाहर आ जाती हैं और पूरे पेट में फैल जाती हैं. नतीजतन, यह जेली का रूप ले लेता है.

उन्होंने बताया कि 'साइक्लो रिडक्टिव ट्रीटमेंट से इसका इलाज संभव है. लेकिन जेली को ट्यूमर से पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है. उपचार जो जारी रहता है उसे कीमोथैरेपी कहा जाता है. सर्जरी के अलावा कीमो भी दी जाती है. इससे मरीज के बचने की 80 फीसदी संभावना रहती है.'

हालांकि, उपचार पद्धति पश्चिम बंगाल में उपलब्ध नहीं है. शनिवार को मरीज का ऑपरेशन किया गया. सर्जरी के जरिए महिला के शरीर से जेली निकाली गई. करीब आठ घंटे तक सर्जरी चली.

डॉक्टर के मुताबिक 25 लाख में एक व्यक्ति को यह बीमारी होती है. डॉक्टर ने कहा कि 'अगले कुछ दिनों में उन्हें कैंसर विभाग में ले जाया जाएगा जहां उनका कीमोथैरेपी उपचार किया जाएगा. फिलहाल महिला मरीज पूरी तरह स्वस्थ है. महिला धीरे-धीरे सामान्य जीवन में लौट सकती है.'

पढ़ें- Rare surgery : कोलकाता के सरकारी अस्पताल में spinal cord की मुश्किल सर्जरी, पढ़ें क्या था पूरा केस

कोलकाता : कोलकाता के नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (Nil Ratan Sircar Medical College and Hospital) में एक जटिल सर्जरी की गई. 46 साल की एक महिला के पेट से 4 किलो जेली निकालने के लिए सर्जरी की गई.

डॉक्टर ने बताया कि महिला 'स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी' (Pseudomyxoma peritonei) नाम की बीमारी से पीड़ित थी. जिसे बोलचाल की भाषा में 'जेली बेली' कहा जाता है. अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, नदिया निवासी छप्पिया शेख को कई महीनों से भूख नहीं लग रही थी. इस बीमारी में थोड़ा सा खाने से पेट बहुत ज्यादा फूल जाता है. यदि कोई पेट पर हाथ रखे तो वह बाहर से अनाज जैसे पदार्थ को महसूस होता है.

महिला की परेशानी देख परिजन उसे कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल लाए. वहां उसका सीटी स्कैन कराने के बाद पता चला कि उसे यह दुर्लभ बीमारी है.

अंतत: सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. उप्पल की देखरेख में मरीज का इलाज शुरू हुआ. डॉक्टर ने ईटीवी भारत को बताया कि महिला 'स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी' नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थी. इसे बोलचाल की भाषा में जेली बेली कहते हैं. मूल रूप से, ट्यूमर ठोस होता है, लेकिन इस रोग में यह तरल होता है. इस तरह की बीमारी अपेंडिक्स या ओवरी से शुरू होती है. ट्यूमर में जो कोशिकाएं होती हैं वे अचानक एक छिद्र से बाहर आ जाती हैं और पूरे पेट में फैल जाती हैं. नतीजतन, यह जेली का रूप ले लेता है.

उन्होंने बताया कि 'साइक्लो रिडक्टिव ट्रीटमेंट से इसका इलाज संभव है. लेकिन जेली को ट्यूमर से पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है. उपचार जो जारी रहता है उसे कीमोथैरेपी कहा जाता है. सर्जरी के अलावा कीमो भी दी जाती है. इससे मरीज के बचने की 80 फीसदी संभावना रहती है.'

हालांकि, उपचार पद्धति पश्चिम बंगाल में उपलब्ध नहीं है. शनिवार को मरीज का ऑपरेशन किया गया. सर्जरी के जरिए महिला के शरीर से जेली निकाली गई. करीब आठ घंटे तक सर्जरी चली.

डॉक्टर के मुताबिक 25 लाख में एक व्यक्ति को यह बीमारी होती है. डॉक्टर ने कहा कि 'अगले कुछ दिनों में उन्हें कैंसर विभाग में ले जाया जाएगा जहां उनका कीमोथैरेपी उपचार किया जाएगा. फिलहाल महिला मरीज पूरी तरह स्वस्थ है. महिला धीरे-धीरे सामान्य जीवन में लौट सकती है.'

पढ़ें- Rare surgery : कोलकाता के सरकारी अस्पताल में spinal cord की मुश्किल सर्जरी, पढ़ें क्या था पूरा केस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.