भरतपुर. पक्षियों और जैव विविधता के लिए दुनिया भर में विख्यात राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो गई है. उद्यान में दुर्लभ प्रजाति की 'रस्टी स्पॉटेड कैट' को अपने बच्चों के साथ देखा गया है. कैट की यह प्रजाति इतनी दुर्लभ है कि इसे वर्ष 2016 में आईयूसीएन रेड लिस्ट में (खतरे के करीब) सूचीबद्ध किया जा चुका है.
रात के वक्त ही बाहर निकलती है कैट : डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि 23 सितंबर को केवलादेव उद्यान में रस्टी स्पॉटेड कैट को अपने बच्चों के साथ देखा गया है. इस दुर्लभ प्रजाति की कैट को वाइल्डलाइफर डॉ. ओल्गा जोशी और रॉबिन ने अपने कैमरे में कैद किया. फोटो में रस्टी स्पॉटेड कैट अपने एक बच्चे को मुंह में दबाए जाती हुई नजर आ रही है. रस्टी स्पॉटेड कैट सबसे छोटी प्रजाति की कैट है. इसके ऐतिहासिक रिकॉर्ड सिर्फ भारत और श्रीलंका में ही पाए जाते हैं. वर्ष 2012 में यह कैट नेपाल की पश्चिमी तराई क्षेत्र में दर्ज की गई थी. इसके बाद इसे वर्ष 2016 में आईयूसीएन की रेड लिस्ट में खतरे के करीब दर्ज किया जा चुका है. यह कैट बहुत ही चुप-चाप रहती है और रात के वक्त ही बाहर निकलती है.
उद्यान में प्रवास करते हैं ये प्रजातियां : डीएफओ ने बताया कि इसके प्राकृतिक आवासों (हैबिटेट) को नुकसान पहुंचने और समाप्त होने की वजह से इसकी संख्या बहुत कम हो गई, लेकिन घना में इसकी मौजूदगी इस बात का संकेत है कि यहां पर रस्टी स्पॉटेड कैट का प्राकृतिक आवास अभी भी सुरक्षित है. बता दें कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान अपनी जैव विविधता के लिए दुनिया भर में विख्यात है. उद्यान में 350 से अधिक प्रजाति के प्रवासी पक्षी सर्दियों में प्रवास करते हैं. 28.73 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले उद्यान में 57 प्रजाति की मछलियां, 34 प्रजाति के स्तनधारी जीव, करीब 9 प्रजाति के कछुए, 80 प्रजाति की तितलियां और 14 प्रजाति के मेंढक मिलते हैं. यहां पक्षियों और जैव विविधता को निहारने के लिए हर वर्ष हजारों, लाखों की संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं.