ETV Bharat / bharat

1964 की सुनामी में तबाह रामेश्वरम-धनुषकोडी रेलवे लाइन फिर होगी बहाल - be 13 kilometres of elevated track from the ground in the line of 18 kilometres

तमिलनाडु में रामेश्वरम और धनुषकोडी को रेल लिंक से जोड़ने के लिए दक्षिण रेलवे का नया मास्टर प्लान तैयार है. रेल मंत्रालय को भेजे गए नए प्रस्ताव के अनुसार रामेश्वरम और धनुषकोडी को एक बार फिर से रेलवे लाइन से जोड़ा जाना है.

रामेश्वरम और धनुषकोडी को रेल लिंक
रामेश्वरम और धनुषकोडी को रेल लिंक
author img

By

Published : May 30, 2022, 7:29 AM IST

नई दिल्ली: कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के सफल समापन के बाद तमिलनाडु में रामेश्वरम और धनुषकोडी को रेल लिंक से जोड़ने के लिए दक्षिण रेलवे का नया मास्टर प्लान तैयार है. रेल मंत्रालय को जोनल कार्यालय द्वारा भेजे गए नए प्रस्ताव के अनुसार रामेश्वरम और धनुषकोडी को एक बार फिर से रेलवे लाइन से जोड़ा जाना है, जिससे रामेश्वरम आने वाले पर्यटकों को धनुषकोडी पहुंचने के लिए एक आसान विकल्प उपलब्ध होगा.

मदुरै मंडल के संभागीय अभियंता हृदयेश कुमार ने इस बारे में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि 1964 में आई सुनामी में यह रेल लाइन नष्ट हो गई थी. अब सरकार ने इसके पुनर्निर्माण का प्रस्ताव रखा है. मैं धनुषकोडी स्टेशन पर खड़ा हूं. नए प्रस्ताव के तहत 18 किलोमीटर की लाइन में जमीन से 13 किलोमीटर का एलिवेटेड ट्रैक होगा. इस स्टेशन का पर्यटन और धार्मिक महत्व दोनों है और इसलिए यह स्थल पर्यटकों को आकर्षित करता है."

मदुरै मंडल के सहायक कार्यकारी अभियंता आनंद ने नई रेल लिंक योजना के बारे में बताते हुए कहा कि रेलवे की योजना इस स्टेशन के पुनर्विकास और इसे नई ब्रॉड गेज और इलेक्ट्रिक लाइन से जोड़ने की है. यह रामेश्वरम से 18 किमी की लाइन होगी और इसमें 3 हॉल्ट स्टेशन और एक टर्मिनल स्टेशन होगा. हमें उम्मीद है कि यहां भी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. हम रामेश्वरम स्टेशन का पुनर्विकास कर रहे हैं."

भौगोलिक दृष्टि से धनुषकोडी पंबन द्वीप के टॉप पर है जो पाक जलडमरूमध्य द्वारा मुख्य भूमि से अलग है. बता दें कि दिसंबर 1964 तक धनुषकोडी एक लोकप्रिय स्टेशनों में से एक था. यह तमिलनाडु के मंडपम स्टेशन से सीधा जुड़ा था. उस समय धनुषकोडी स्टेशन श्रीलंका में सीलोन और भारत में मंडपम के बीच संपर्क का एक महत्वपूर्ण प्वाइंट था. और बोट मेल के नाम से एक ट्रेन भी चलती थी. लेकिन 22-23 दिसंबर 1964 को आई सुनामी में यह पूरा रेल लिंक नष्ट हो गया था. उस दौरान ट्रेन के कर्मचारियों सहित सैकड़ों यात्रियों की मौत हो गई थी. उसके बाद से धनुषकोडी को रेल लिंक से जोड़ने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हालांकि सरकार अब इस रेल लिंक को बहाल करने के लिए तैयार है जो दक्षिण रेलवे के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा और इसकी लागत 700 करोड़ रुपये से अधिक होगी.

यह भी पढ़ें-भारत-बांग्लादेश के बीच रेल सेवा दो साल के बाद बहाल

(एएनआई)

नई दिल्ली: कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के सफल समापन के बाद तमिलनाडु में रामेश्वरम और धनुषकोडी को रेल लिंक से जोड़ने के लिए दक्षिण रेलवे का नया मास्टर प्लान तैयार है. रेल मंत्रालय को जोनल कार्यालय द्वारा भेजे गए नए प्रस्ताव के अनुसार रामेश्वरम और धनुषकोडी को एक बार फिर से रेलवे लाइन से जोड़ा जाना है, जिससे रामेश्वरम आने वाले पर्यटकों को धनुषकोडी पहुंचने के लिए एक आसान विकल्प उपलब्ध होगा.

मदुरै मंडल के संभागीय अभियंता हृदयेश कुमार ने इस बारे में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि 1964 में आई सुनामी में यह रेल लाइन नष्ट हो गई थी. अब सरकार ने इसके पुनर्निर्माण का प्रस्ताव रखा है. मैं धनुषकोडी स्टेशन पर खड़ा हूं. नए प्रस्ताव के तहत 18 किलोमीटर की लाइन में जमीन से 13 किलोमीटर का एलिवेटेड ट्रैक होगा. इस स्टेशन का पर्यटन और धार्मिक महत्व दोनों है और इसलिए यह स्थल पर्यटकों को आकर्षित करता है."

मदुरै मंडल के सहायक कार्यकारी अभियंता आनंद ने नई रेल लिंक योजना के बारे में बताते हुए कहा कि रेलवे की योजना इस स्टेशन के पुनर्विकास और इसे नई ब्रॉड गेज और इलेक्ट्रिक लाइन से जोड़ने की है. यह रामेश्वरम से 18 किमी की लाइन होगी और इसमें 3 हॉल्ट स्टेशन और एक टर्मिनल स्टेशन होगा. हमें उम्मीद है कि यहां भी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. हम रामेश्वरम स्टेशन का पुनर्विकास कर रहे हैं."

भौगोलिक दृष्टि से धनुषकोडी पंबन द्वीप के टॉप पर है जो पाक जलडमरूमध्य द्वारा मुख्य भूमि से अलग है. बता दें कि दिसंबर 1964 तक धनुषकोडी एक लोकप्रिय स्टेशनों में से एक था. यह तमिलनाडु के मंडपम स्टेशन से सीधा जुड़ा था. उस समय धनुषकोडी स्टेशन श्रीलंका में सीलोन और भारत में मंडपम के बीच संपर्क का एक महत्वपूर्ण प्वाइंट था. और बोट मेल के नाम से एक ट्रेन भी चलती थी. लेकिन 22-23 दिसंबर 1964 को आई सुनामी में यह पूरा रेल लिंक नष्ट हो गया था. उस दौरान ट्रेन के कर्मचारियों सहित सैकड़ों यात्रियों की मौत हो गई थी. उसके बाद से धनुषकोडी को रेल लिंक से जोड़ने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हालांकि सरकार अब इस रेल लिंक को बहाल करने के लिए तैयार है जो दक्षिण रेलवे के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा और इसकी लागत 700 करोड़ रुपये से अधिक होगी.

यह भी पढ़ें-भारत-बांग्लादेश के बीच रेल सेवा दो साल के बाद बहाल

(एएनआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.