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राममंदिर न्यास हो भंग, रामालय ट्रस्ट की देखरेख में बने मंदिर : दिग्विजय सिंह

प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि राम मंदिर न्यास को भंग कर रामालय ट्रस्ट की देखरेख में राम मंदिर का निर्माण किया जाए.

राममंदिर न्यास हो भंग
राममंदिर न्यास हो भंग
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Published : Jun 20, 2021, 1:25 PM IST

हरदा: मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress) कमेटी (Madhya Pradesh Congress Committee) के पूर्व कोषाध्यक्ष एकनाथ अग्रवाल (Eknath Agrawal) के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Ex-CM Digvijay Singh) देर शाम हरदा पहुंचे. उन्होंने दिवंगत नेता के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की.

इस दौरान उन्होंने अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए. भाजपा (Bharatiya Janata Party-BJP) पर आम जनता के बजाय उद्योगपतियों का ख्याल रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में देश की जनता ने राम मंदिर निर्माण के लिए 140 करोड़ रुपये का दान दिया था. इसका आज तक कोई साथ देने वाला नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि जो जमीन फरवरी में 200000 रुपये में खरीदी गई थी, उसी स्थल को मंदिर न्यास के द्वारा ढाई करोड़ रुपये में खरीदा गया है.

एकनाथ अग्रवाल के निधन पर पहुंचे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह

पढ़ें : राम मंदिर निर्माण को लेकर जिस जमीन पर विवाद, उसके तीन किरदार, जानिए कैसे हुई डील

राम मंदिर न्यास को भंग करने की मांग

उन्होंने सरकार से राम मंदिर न्यास (Ram Mandir Trust) को भंग करने की मांग करते हुए कहा कि हिंदू धर्म के धर्माचार्य, चारों शंकराचार्य, रामानंदी संप्रदाय के प्रमुख और निर्मोही अखाड़ा से राय लेकर रामालय ट्रस्ट का गठन किया गया था. नरसिम्हा राव के मार्गदर्शन में राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए. दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की लोकप्रियता के बारे में उन्होंने कहा कि पैसे देकर कोई भी सर्वे किया जा सकता है. वहीं, उन्होंने नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को झूठा करार दिया.

दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार (Central Government) से कहा कि नोटबंदी (Demonitization) और जीएसटी (GST) से कुछ लोगों को फायदा हुआ हैं. बाकी को नुकसान हुआ है. कोरोना काल में बढ़ती महंगाई के चलते हर वर्ग का इंसान परेशान हैं.

हरदा: मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress) कमेटी (Madhya Pradesh Congress Committee) के पूर्व कोषाध्यक्ष एकनाथ अग्रवाल (Eknath Agrawal) के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Ex-CM Digvijay Singh) देर शाम हरदा पहुंचे. उन्होंने दिवंगत नेता के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की.

इस दौरान उन्होंने अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए. भाजपा (Bharatiya Janata Party-BJP) पर आम जनता के बजाय उद्योगपतियों का ख्याल रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में देश की जनता ने राम मंदिर निर्माण के लिए 140 करोड़ रुपये का दान दिया था. इसका आज तक कोई साथ देने वाला नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि जो जमीन फरवरी में 200000 रुपये में खरीदी गई थी, उसी स्थल को मंदिर न्यास के द्वारा ढाई करोड़ रुपये में खरीदा गया है.

एकनाथ अग्रवाल के निधन पर पहुंचे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह

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राम मंदिर न्यास को भंग करने की मांग

उन्होंने सरकार से राम मंदिर न्यास (Ram Mandir Trust) को भंग करने की मांग करते हुए कहा कि हिंदू धर्म के धर्माचार्य, चारों शंकराचार्य, रामानंदी संप्रदाय के प्रमुख और निर्मोही अखाड़ा से राय लेकर रामालय ट्रस्ट का गठन किया गया था. नरसिम्हा राव के मार्गदर्शन में राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए. दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की लोकप्रियता के बारे में उन्होंने कहा कि पैसे देकर कोई भी सर्वे किया जा सकता है. वहीं, उन्होंने नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को झूठा करार दिया.

दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार (Central Government) से कहा कि नोटबंदी (Demonitization) और जीएसटी (GST) से कुछ लोगों को फायदा हुआ हैं. बाकी को नुकसान हुआ है. कोरोना काल में बढ़ती महंगाई के चलते हर वर्ग का इंसान परेशान हैं.

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