अयोध्या: सूर्यवंशी राजा भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या में रहने वाले क्षत्रिय समुदाय के लोगों ने आज अपनी 500 वर्ष की प्रतिज्ञा के पूर्ण होने के बाद पगड़ी और जूते धारण कर लिए हैं. बता दें कि अयोध्या धाम से सटे सरायरासी गांव में बड़ी संख्या में क्षत्रिय समाज के लोग रहते हैं. जो स्वयं को सूर्यवंश से जुड़ा बताते हैं. इसी परिवार से जुड़े सूर्यवंशी ठाकुरों का कहना है कि आज से 500 वर्ष पूर्व सूर्यवंशी ठाकुर गजराज सिंह ने भगवान राम के मंदिर की रक्षा के लिए मीर बाकी और अन्य मुगलों से लड़ाई लड़ी थी और शहीद हो गए थे. उसके बाद से इस वंश के लोगों ने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक भगवान राम का मंदिर पुनः नहीं बन जाएगा, तब तक वह अपने सिर पर पगड़ी, पैर में जूते और हाथ में छतरी लेकर नहीं चलेंगे.
स्वयं को सूर्यवंशी ठाकुर बताने वाले सरायरासी के रहने वाले नवाब सिंह ने बताया कि हम ठाकुर गजराज सिंह की नौवीं पीढ़ी हैं. लगभग 500 वर्ष पूर्व ली गई प्रतिज्ञा अब पूर्ण हो गई है. भगवान राम का मंदिर बन रहा है. 22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसलिए अपनी प्रतिज्ञा पूरी होने के साथ ही हम सभी क्षत्रियों ने आज मकर संक्रांति के दिन सूर्य कुंड में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को पगड़ी अर्पित की. उसके बाद सिर पर पगड़ी और पैर में जूते धारण कर लिए. नवाब सिंह ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने भगवान राम के मंदिर की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश और प्रधानमंत्री मोदी जी के सहयोग से भव्य राम मंदिर बन रहा है. इसके लिए सूर्यवंशी क्षत्रिय समाज आजीवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सर्वोच्च न्यायालय का ऋणी रहेगा.
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