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वापस लौटने लगे किसान, पर अभी गाजीपुर बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे राकेश टिकैत, जानिए क्यों

किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है. अब सभी बॉर्डर से किसानों की घर वापसी होने लगी है. घर वापसी की खुशी में गाजीपुर बॉर्डर (ghazipur border news) पर किसानों ने मिटाई भी बांटी. इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) ने कहा कि आंदोलन खत्म होने के बाद भी आन्दोलन स्थलों पर भीड़ बढ़ रही है. यह दुनिया का पहला ऐसा आंदोलन होगा. हमने यहां लोगों को आंदोलन कैसे करते हैं उसकी ट्रेनिंग दी है.

rakesh tikait etv bharat
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Published : Dec 11, 2021, 5:29 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : किसान आंदोलन (Farmer Protests) अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. किसान अब गांवों की तरफ कूच कर रहे हैं. भले ही किसान आंदोलन का आज आखिरी दिन है, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर (Farmers on Ghazipur Border) पर किसानों की काफी भीड़ नजर आ रही है. इनमें वो लोग भी शामिल हैं जो प्रदर्शनकारियों के घर के सदस्य हैं. परिवार के लोग अपने लोगों को आंदोलनस्थल से लेने के लिए पहुंचे हुए हैं.

गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) ने कहा कि आंदोलन खत्म होने के बाद भी आंदोलनस्थलों पर भीड़ बढ़ रही है. यह दुनिया का पहला ऐसा आंदोलन होगा. हमने यहां लोगों को आंदोलन कैसे करते हैं, उसकी ट्रेनिंग दी है. पुराने परिवारों को एक साथ इस आंदोलन ने जोड़ा है. आंदोलन हमेशा स्थगित होता है खत्म नहीं होता. हम कैसे जिम्मेदारी लेले की भविष्य में कोई आंदोलन नहीं होगा, यह तो वक्त ही बताएगा.

वापस लौटने लगे किसान
टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) का कहना है कि आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं, लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे. क्योंकि देश में हजारों धरने चल रहे हैं. हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों (three agricultural laws) को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की.

एमएसपी की गारंटी (MSP Guarantee) व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी. किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वे 15 जनवरी को यह देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है या नहीं.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.

पुलिस की बैरिकेड भी उठा ले गए किसान.

वहीं पानीपत से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में सिंघु बॉर्डर से किसान विजय जुलूस निकालते हुए पानीपत टोल प्लाजा (Panipat toll plaza) पहुंचे. इस दौरान किसानों के सामान से लदे ट्रैक्टर ट्रॉली में दिल्ली पुलिस के बैरिकेड भी लदे हुए दिखाई दिए. घर जाते वक्त किसान सिंघु बॉर्डर से दिल्ली पुलिस के बैरिकेड (farmers took police barricade) भी अपने साथ ले आए. इस दौरान किसानों ने कहा कि आंदोलन की याद के तौर पर इन बैरिकेड को अपने साथ रखेंगे.

पढ़ेंः Farmers Protest: 'विजय दिवस जश्न' के साथ किसानों ने खत्म किया धरना

नई दिल्ली/गाजियाबाद : किसान आंदोलन (Farmer Protests) अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. किसान अब गांवों की तरफ कूच कर रहे हैं. भले ही किसान आंदोलन का आज आखिरी दिन है, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर (Farmers on Ghazipur Border) पर किसानों की काफी भीड़ नजर आ रही है. इनमें वो लोग भी शामिल हैं जो प्रदर्शनकारियों के घर के सदस्य हैं. परिवार के लोग अपने लोगों को आंदोलनस्थल से लेने के लिए पहुंचे हुए हैं.

गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) ने कहा कि आंदोलन खत्म होने के बाद भी आंदोलनस्थलों पर भीड़ बढ़ रही है. यह दुनिया का पहला ऐसा आंदोलन होगा. हमने यहां लोगों को आंदोलन कैसे करते हैं, उसकी ट्रेनिंग दी है. पुराने परिवारों को एक साथ इस आंदोलन ने जोड़ा है. आंदोलन हमेशा स्थगित होता है खत्म नहीं होता. हम कैसे जिम्मेदारी लेले की भविष्य में कोई आंदोलन नहीं होगा, यह तो वक्त ही बताएगा.

वापस लौटने लगे किसान
टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) का कहना है कि आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं, लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे. क्योंकि देश में हजारों धरने चल रहे हैं. हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों (three agricultural laws) को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की.

एमएसपी की गारंटी (MSP Guarantee) व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी. किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वे 15 जनवरी को यह देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है या नहीं.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.

पुलिस की बैरिकेड भी उठा ले गए किसान.

वहीं पानीपत से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में सिंघु बॉर्डर से किसान विजय जुलूस निकालते हुए पानीपत टोल प्लाजा (Panipat toll plaza) पहुंचे. इस दौरान किसानों के सामान से लदे ट्रैक्टर ट्रॉली में दिल्ली पुलिस के बैरिकेड भी लदे हुए दिखाई दिए. घर जाते वक्त किसान सिंघु बॉर्डर से दिल्ली पुलिस के बैरिकेड (farmers took police barricade) भी अपने साथ ले आए. इस दौरान किसानों ने कहा कि आंदोलन की याद के तौर पर इन बैरिकेड को अपने साथ रखेंगे.

पढ़ेंः Farmers Protest: 'विजय दिवस जश्न' के साथ किसानों ने खत्म किया धरना

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