रायपुर: सरगुजा के हसदेव आरण्य में आयोजित किसान महासम्मेलन में शामिल होने संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं. रायपुर एयरपोर्ट पर ईटीवी संवाददाता ने उनसे बातचीत की. आइये जानते हैं उन्होेंने अपने इस दौरे को लेकर क्या कुछ कहा.
"किसी भी किसान संगठन को चुनाव में नहीं जाना चाहिए": विधानसभा चुनाव को लेकर जब राकेश टिकैत से पूछा गया तो राकेश टिकैत ने कहा कि "चुनाव की वजह से आना जाना नहीं छोड़ेंगे. भाजपा वाले कहते हैं कि जहां-जहां चुनाव आता है, वहीं जाते हैं. यहां तो भाजपा सरकार में है नहीं, हम फिर भी आए हैं. यहां की सरकार से पहले भी बातचीत हुई है, हम फिर उनसे बातचीत करेंगे, हम चुनाव से दूर रहेंगे. मेरा मानना है कि किसी भी किसान संगठन को चुनाव में नहीं जाना चाहिए. उन्हें सरकार से बातचीत करनी चाहिए और लोगों को अपनी बात पहुंचानी चाहिए.
हसदेव आरण्य को बचाने स्थानीय लोग कर रहे प्रयास: राकेश टिकैत ने कहा कि "पिछले 10 सालों से हसदेव आरण्य को बचाने के लिए वहां के स्थानीय निवासी प्रयास कर रहे हैं, आंदोलन कर रहे हैं. अक्टूबर 2021 में ग्रामीणों ने रायपुर तक 300 किलोमीटर की पदयात्रा की. इसके साथ ही मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मुलाकात की थी. इसके बावजूद कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद 2 मार्च 2022 से ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं."
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स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग की: राकेश टिकैत ने अलग अलग राज्य में किसानों की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि "हिमाचल में कुछ और है, कश्मीर में कुछ और समस्या पाएंगे, केंद्र सरकार कहती है कि हम ₹6000 दे रहे हैं, बिहार और पूर्वांचल में तो ₹800, ₹100 प्रति क्विंटल पर खरीदी हो रही है. ₹800 प्रति क्विंटल की दर से तो 4 क्विंटल का दाम हुआ. हमको ₹6000 नहीं एमएसपी की गारंटी वाला कानून दें. स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू कर दें."
कौन हैं राकेश टिकैत? : राकेश टिकैत किसान नेता हैं. जो कि किसानों के मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन कर उस समस्या को सरकार तक पहुंचाते हैं. राकेश टिकैत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के दूसरे बेटे हैं. राकेश टिकैत के पास वर्तमान में किसान यूनियन की कमान है और यह संगठन उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के साथ साथ पूरे देश में फैला हुआ है.