नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह 11 बजे से ही किसानों ने डेरा डाल रखा है. किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में किसानों ने दिल्ली में घुसने का प्रयास किया. किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस, यूपी पुलिस और आरएएफ तैनात है. हालांकि, इस दौरान राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसान गिरफ्तारी देने को तैयार हैं. पुलिस किसानों को गिरफ्तार करें, वरना दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए पहलवानों को छोड़ा जाए. दोनों में से क्या करना है, यह पुलिस को तय करना है.
30 तारीख को महापंचायत: गाजीपुर बॉर्डर पर हुई महापंचायत में किसान नेताओं ने निर्णय लिया है कि वे फिलहाल गाजीपुर बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे. किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत के दौरान साफ कर दिया है कि जब तक पहलवानों को पुलिस हिरासत से छोड़ा नहीं जाता है तब तक वह गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहेंगे. टिकैत का कहना है कि पहले भी किसानों ने अपने हक की लड़ाई के लिए 13 महीनें गाजीपुर बॉर्डर पर बिताए हैं. टिकैत ने कहा कि ये आंदोलन जारी रहेगा. 30 तारीख को हरियाणा में महापंचायत होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी.
जो लोग सरकार में, उनके ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं: दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के समर्थन में आयोजित होने वाली महिला महापंचायत में शामिल होने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत रविवार सुबह ही गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए थे. उनके साथ काफी तादाद में उनके समर्थक भी मौजूद हैं. लेकिन राकेश टिकैत को दिल्ली जाने नहीं दिया गया. इस दौरान किसान नेता ने कहा कि जो लोग सरकार में है, उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होती है. आखिरकार क्यों, क्या वजह है?. पहलवानों के साथ गलत हो रहा है.
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किसान नेताओं को बॉर्डर पर रोका गया: गौरतलब है कि रविवार सुबह भारतीय किसान यूनियन गुट के लोग अलग-अलग जगहों से जंतर-मंतर के लिए रवाना हुए. जिसको लेकर पुलिस पहले से अलर्ट थी. दिल्ली से लगने वाले सभी बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी. बैरिकेड्स लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा रही थी. इस दौरान कई किसान नेताओं को पुलिस द्वारा बॉर्डर पर ही रोक लिया गया. किसान नेताओं को रोके जाने के बाद उनसे हल्की नोक झोंक भी हुई.
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