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राकेश टिकैट को उम्मीद, केंद्र सरकार वार्ता के लिए जल्द भेजेगी प्रस्ताव - राकेश टिकैत

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को करीब तीन महीने होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक किसानों की समस्या दूर नहीं हुई है. इस बीच ईटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार वार्ता के लिए जल्द प्रस्ताव भेजेगी.

राकेश टिकैट
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Published : Feb 15, 2021, 6:03 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा है. किसान आंदोलन को करीब तीन महीने होने जा रहे हैं. किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बरकरार है. किसान नेताओं को उम्मीद है कि जल्द सरकार वार्ता के लिए प्रस्ताव भेजेगी.

राकेश टिकैत से खास बातचीत.

'गाजीपुर बॉर्डर पर रहने की व्यवस्था कराने की मांग'
ईटीवी भारत से बातचीत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर भीड़ कम नहीं हुई है. बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान आंदोलन में मौजूद हैं. किसान आराम से टेंटों में रह रहे हैं.

टिकैत ने कहा कि गर्मी का मौसम आने से पहले किसानों के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर रहने की समुचित व्यवस्था की जाएगी. सरकार हमें बिजली कनेक्शन दे, वरना जनरेटर की व्यवस्था की जाएगी. जिस तरह किसान गांवों से जल लेकर आया था, ठीक उसी तरह किसान गांवों से डीजल लेकर आएगा.

किसान नेता राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में महापंचायत कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश में अप्रैल में पंचायत चुनाव होने हैं.

जब टिकैत से सवाल किया गया कि क्या महापंचायत का असर प्रदेश में पंचायत चुनाव पर दिखाई देगा? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि पंचायत चुनाव से हमारा कोई मतलब नहीं है. महापंचायत का पंचायत चुनाव पर क्या असर होगा, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है.

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन: चिल्ला बॉर्डर पर लगाए नुकीले बैरियर, कड़ी की गई सुरक्षा

राकेश टिकैत ने कहा किसान कई महीने से तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं. हमने सरकार से गद्दी तो मांगी नहीं है. हमें उम्मीद है कि जल्द केंद्र सरकार वार्ता के लिए प्रस्ताव भेजेगी. किसान संगठनों की ओर से वार्ता के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा है. किसान आंदोलन को करीब तीन महीने होने जा रहे हैं. किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बरकरार है. किसान नेताओं को उम्मीद है कि जल्द सरकार वार्ता के लिए प्रस्ताव भेजेगी.

राकेश टिकैत से खास बातचीत.

'गाजीपुर बॉर्डर पर रहने की व्यवस्था कराने की मांग'
ईटीवी भारत से बातचीत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर भीड़ कम नहीं हुई है. बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान आंदोलन में मौजूद हैं. किसान आराम से टेंटों में रह रहे हैं.

टिकैत ने कहा कि गर्मी का मौसम आने से पहले किसानों के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर रहने की समुचित व्यवस्था की जाएगी. सरकार हमें बिजली कनेक्शन दे, वरना जनरेटर की व्यवस्था की जाएगी. जिस तरह किसान गांवों से जल लेकर आया था, ठीक उसी तरह किसान गांवों से डीजल लेकर आएगा.

किसान नेता राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में महापंचायत कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश में अप्रैल में पंचायत चुनाव होने हैं.

जब टिकैत से सवाल किया गया कि क्या महापंचायत का असर प्रदेश में पंचायत चुनाव पर दिखाई देगा? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि पंचायत चुनाव से हमारा कोई मतलब नहीं है. महापंचायत का पंचायत चुनाव पर क्या असर होगा, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है.

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन: चिल्ला बॉर्डर पर लगाए नुकीले बैरियर, कड़ी की गई सुरक्षा

राकेश टिकैत ने कहा किसान कई महीने से तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं. हमने सरकार से गद्दी तो मांगी नहीं है. हमें उम्मीद है कि जल्द केंद्र सरकार वार्ता के लिए प्रस्ताव भेजेगी. किसान संगठनों की ओर से वार्ता के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है.

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