नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद भी विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर सियासी घमासान जारी है और इस मुद्दे पर रविवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश के बीच तीखी नोकझोंक हुई.
ट्वीट की एक श्रृंखला में, जोशी ने मानसून सत्र के अंतिम दिनों के दौरान किए गए हंगामे का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसके कारण 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था और रमेश को टैग करते हुए कहा, जन प्रतिनिधि के रूप में, यह सांसदों का कर्तव्य है कि वे सभापति का सम्मान करें. और उनके पद के योग्य व्यवहार करें.
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Joshi-avare,@LoPIndia wrote to the Chairman on 13.12.2021 that:
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 26, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
1. Only RS Security personnel be allowed to maintain security within House chambers/lobbies.
2. Illegal release of CCTV footage shouldn’t be allowed.
By putting out illegal footage you’re reiterating our point… 1/3 https://t.co/b1st6nsdhS pic.twitter.com/bmHPx9yXaX
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 26, 2021
1. Only RS Security personnel be allowed to maintain security within House chambers/lobbies.
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By putting out illegal footage you’re reiterating our point… 1/3 https://t.co/b1st6nsdhS pic.twitter.com/bmHPx9yXaX
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, हालांकि, रमेश के सहयोगियों ने बहस के बजाय व्यवधान पसंद किया. यह दुर्भाग्यपूर्ण था क्योंकि पूरे देश ने उनकी गुंडागर्दी देखी.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार निलंबन वापस लेने के लिए हमेशा तैयार थी, अगर इन 12 सांसदों ने माफी मांगी होती, लेकिन वे लोग केवल अपने कार्यों को सही ठहरा रहे थे.
जोशी ने रमेश की ओर इशारा करते हुए कहा, रागा (राहुल गांधी) को खुश करते हुए आपको अपना रास्ता नहीं खोना चाहिए. उन्हें बतायें कि सम्मान हासिल किया जाता है, न कि जबर्दस्ती करवाया जाता है. जोशी ने आगे कहा कि गलती करना मानव स्वभाव है, लेकिन उसे बार-बार न्यायोचित ठहराना मूर्खता.
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As People's representatives, it is the duty of Parliamentarians to respect the Chair & behave in a manner worthy of their standing. However Mr @Jairam_Ramesh, your colleagues chose disruption over debate. It was unfortunate as the whole country witnessed their sheer hooliganism. pic.twitter.com/Nj66fqUCob
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— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) December 26, 2021
रमेश ने जोशी की टिप्पणी का उसी लहजे में जवाब दिया, नमो (नरेंद्र मोदी) खुद झूठ के जगद्गुरू हैं और उन्हें खुश करने के लिए आपको झूठ फैलाने का अपना रास्ता नहीं खोना चाहिए. मैंने सदन में जो कहा उसे दोहरा रहा हूं -अगर सरकार उदार है, तो विपक्ष उत्तरदायी है.
रमेश ने यह भी कहा कि संसद के कामकाज को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सरकार की है.
वीडियो जारी करने के लिए जोशी पर पलटवार करते हुए रमेश ने उस दिन लॉबी में दिल्ली पुलिस के जवानों की उपस्थिति पर यह कहते हुए सवाल उठाया कि केवल राज्यसभा सुरक्षा कर्मियों को ही सदन के कक्षों और लॉबी में सुरक्षा बनाए रखने की अनुमति है.
उन्होंने इस मुद्दे पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को विपक्ष के नेता द्वारा लिखा गया पत्र भी ट्वीट किया.
गौरतलब है कि राज्यसभा में सरकार द्वारा लाये गए एक प्रस्ताव का विरोध कर रहे विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया था. सत्र के अंतिम दिनों में, एक और सांसद तथा सदन में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन को भी सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था.
निलंबित 12 सदस्यों में कांग्रेस के छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो और भाकपा और सीपीएम के एक-एक सदस्य शामिल हैं.
निलंबित सांसदों में कांग्रेस से फुलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह; तृणमूल की डोला सेन और शांता छेत्री; शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई; सीपीएम के एलामाराम करीम; और, भाकपा के बिनॉय विश्वम शामिल हैं.
पूरे सत्र के दौरान, ये सांसद अपने निलंबन के विरोध में संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठे रहे थे.
(पीटीआई-भाषा)