मुंबई: अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के अहम खिलाड़ी राजवर्धन हंगरगेकर (Rajvardhan Hungergekar) पर उम्र धोखाधड़ी का आरोप लगा है. अब BCCI मामले की जांच करेगी. वेस्टइंडीज में आयोजित हुए अंडर-19 विश्वकप में हंगरगेकर भारतीय टीम का हिस्सा रहे और उन्होंने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया था. उन्हें आईपीएल चेन्नई टीम ने खरीदा भी है.
हंगरगेकर लगातार 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं और निचले क्रम में आकर बड़े शॉट भी लगा सकते हैं. अपनी इसी क्षमता के कारण वह सुर्खियों में आए और उन्हें भारत का भविष्य माना जा रहा था. लेकिन उनके ऊपर गंभीर आरोप लगाए गए हैं और बीसीसीआई पूरे मामले की जांच करेगा. फिलहाल वे रणजी ट्रॉफी खेल सकते हैं.
क्या है पूरा मामला?
मराठी अखबार के अनुसार महाराष्ट्र के खेल कमिश्नर बकोरिया ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर बताया है कि राजवर्धन हंगरगेकर की उम्र 21 साल है न कि 19 साल. स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार उनकी जन्मतिथि सात जनवरी 2001 है जबकि तेरना पब्लिक स्कूल के हेडमास्टर ने उनकी उम्र में फेरबदल कर इसे 10 नवंबर 2002 कर दिया.
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इस हिसाब से जब हंगरगेकर को भारत की अंडर-19 टीम में चुना गया तब उनकी उम्र 21 साल हो चुकी थी. वे इस टूर्नामेंट में खेलने के योग्य नहीं थे. आईसीसी के नियमों के मुताबिक आईसीसी अंडर-19 विश्व कप में वही खिलाड़ी खेल सकते हैं, जिनकी उम्र 15 साल से 19 साल के बीच है. अब तक यह भी साफ नहीं हुआ है कि हंगरगेकर ने बीसीसीआई के मानकों के अनुसार अपने उम्र की जांच कराई है या नहीं